मथुरा/वृंदावन, वाईबीएन डेस्क: निर्जला एकादशी के अवसर पर ठाकुर बांकेबिहारी की नगरी वृंदावन में लाखों श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी, जिससे शहर की व्यवस्थाएं पूरी तरह चरमरा गईं। सड़कों पर वाहनों की लंबी कतारें और जगह-जगह जाम की स्थिति बन गई। परिक्रमा मार्ग से लेकर प्रमुख मंदिरों तक श्रद्धालुओं का सैलाब देखा गया। इस अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने अपनी रात्रिकालीन पदयात्रा को स्थगित करने का निर्णय लिया। संत के अनुयायियों ने माइक के माध्यम से श्रद्धालुओं से वापसी की अपील की, जिससे बड़ी संख्या में लोग निराश होकर लौट गए।
शनिवार रात से शहर में भारी भीड़
शनिवार रात से ही शहर की सड़कों पर श्रद्धालुओं का दबाव लगातार बना रहा। परिक्रमा मार्ग पूरी तरह से श्रद्धालुओं से भर गया था। रात आठ बजे के बाद से ही पदयात्रा मार्ग पर भारी भीड़ जुट गई थी। रात दो बजे जब पदयात्रा आरंभ होनी थी, उस समय संत प्रेमानंद स्वयं नहीं निकले। उनके अनुयायी माइक से घोषणा करते नजर आए कि भगदड़ की आशंका को देखते हुए पदयात्रा रद्द की जा रही है। रविवार सुबह स्थिति और बिगड़ गई। विद्यापीठ से लेकर बांकेबिहारी मंदिर तक, जुगलघाट से लेकर मंदिर के प्रवेश द्वार दो तक श्रद्धालुओं की भीड़ का दबाव इतना अधिक हो गया कि मंदिर क्षेत्र और आस-पास की सड़कों पर पूरी तरह अव्यवस्था फैल गई। यातायात व्यवस्था सुबह से ही ध्वस्त हो चुकी है।
मुख्य मार्गों पर वाहन रेंगते नजर आए
शहर के मुख्य मार्गों पर वाहन रेंगते नजर आ रहे हैं वहीं श्रद्धालु इन वाहनों के बीच से रास्ता तलाशते हुए मंदिरों की ओर बढ़ रहे हैं। हर सड़क और मंदिर के आस-पास का इलाका लोगों से खचाखच भरा हुआ है, और जाम की स्थिति बनी हुई है। श्रद्धालुओं की इस भीड़ ने एक ओर जहां धार्मिक उत्साह का माहौल बना दिया, वहीं प्रशासन और यातायात व्यवस्था के लिए यह एक बड़ी चुनौती बन गई है। Premanand Maharaj