महाकुंभनगर (वाईबीएन नेटवर्क): प्रयागराज में विश्व के सबसे बड़े धार्मिक एवं आध्यात्मिक समागम Mahakumbh 2025 का आयोजन होने जा रहा है। प्रथम अमृत स्नान से पहले युद्धस्तर पर इसकी तैयारियां की जा रही हैं। इसने बड़े आयोजन में कानून-व्यवस्था को बनाए रखना भी एक बड़ी चुनौती है। खासतौर पर किसी भी आतंकी हमले को निष्फल करने के पुलिस प्रशासन ने कई लेयर की महासुरक्षा व्यवस्था की है। विशेष सीक्रेट एजेंट निगरानी रखने को तैयार हैं। खुफिया इनपुट के आधार पर शनिवार को चार विदेशी श्रद्धालुओं से भी पूछताछ की गई।
पूरे मेला क्षेत्र में मैपिंग की व्यवस्था
पूरा मेला क्षेत्र सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में रहेगा, लेकिन इस सबसे सबसे बड़ी और कठिन चुनौती होगी कि आतंकी किसी रूप में प्रवेश कर जाएं, यह पता लगाना हैं। गुप्तचर सूचनाओं के आधार पर आशंका जताई जा रही है कि आतंकी संगठन साधु-संतों और नागा साधुओं के भेष में प्रवेश कर सकते हैं। इससे निपटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए कठिन चुनौती है। प्रदेश सरकार की कोशिश है कि हर हाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति को किसी भी तरह का खतरा उत्पन्न नहीं हो सके। इसके लिए उप्र की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने पूरे आय़ोजन स्थल को हाई अलर्ट पर रखा है।
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मेले में सुरक्षा के महाइंतजाम
समूचे मेला क्षेत्र में विशेष सुरक्षा के जवान भगवा वस्त्रों में साधु-संतों के बीच तैनात रहेंगे। यह जवान सभी तरह की संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखेंगे।
ड्रोन सर्विलांस : मेला क्षेत्र में निगरानी के लिए पुलिस प्रशासन ने ड्रोन कैमरों की व्यवस्था की है, ड्रोन सर्विलांस के जरिये चप्पे-चप्पे की निगरानी सुनिश्चित की जाएगी। किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधियां मिलने पर कंट्रोल को इसकी सूचना दी जाएगी और तत्काल स्पेशल फोर्स के जवान कारवाई करेंगे।
सुरक्षा जांच : महाकुंभ में प्रवेश करने वाले मार्गों पर प्रत्येक व्यक्ति की बायोमैट्रिक और फेस रिकग्निशन तकनीक से पहचान और जांच की जाएगी।
सीसीटीवी नेटवर्क : पूरे महाकुंभ क्षेत्र में हाई रिज्यूलुशन सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क बिछाया गया है, जिससे चप्पे-चप्पे की निगरानी हो सकेगी। यह कैमरे 24X7 वर्क करेंगे।
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सुरक्षा बलों का प्रशिक्षण : महाकुंभ में तैनात किए गए सुरक्षा बलों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। आतंकी खतरों और आसामाजिक गतिविधियों से निपटनेके लिए मेला क्षेत्र में तैनात सुरक्षा बलों को प्रशिक्षण दिया गया है। क्योंकि साधु-संत बड़ी संख्या में आते हैं, ऐसे में जांच के दौरान यह ध्यान रखा जाएगा कि किसी भी स्थिति में आस्था को चोट नहीं पहुंचे।
विशेष चेकप्वाइंट्स : महाकुंभ में सामान्य और वीवीआइपी के लिए अलग-अलग तरहकी सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए चेक प्वाइंट बनाए गए है, जहां से गुजरनेवाले हर व्यक्ति की गहनता से स्क्रिनिंग की जाएगी।
आधुनिक तकनीक का उपयोग
सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक नहीं हो, इसके लिए सुरक्षा बल नवीनतम तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से लेकर थर्मल स्कैनर और एयरपोर्ट पर की जाने वाली फेस रिकग्निशन सिस्टम की मदद ली जा रही है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: AI पर आधारित सॉफ्टवेयर की मदद से संदिग्ध व्यक्तियों की हरकतों का विश्लेषण कियाजाएगा और सुरक्षा बलों को अलर्ट दिया जाएगा।
थर्मल स्कैनर : इस तरह के स्कैनर बड़े समूह में छिपे हुए हथियारों और अन्य खतरनाक वस्तुओं की पहचान में मददगार होंगे।
फेस रिकग्निशन सिस्टम : हाईटेक कैमरों से जुड़ी रिकग्निशमन प्रणाली की मदद से अपराधियों और आतंकी गतिविधियों में शामिल संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की जा सकेगी।
सुरक्षा ऐप : प्रशासन ने महाकुंभ मेले के लिए विशेष सुरक्षा ऐप विकसित किया है। इसमें श्रद्धालु अपनी लोकेशन और समस्या रिपोर्ट कर सकेंगे।
हेल्पलाइन नंबर : 24 घंटे सक्रिय हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। श्रद्धालु इन नंबरों के माध्यम से अपनी लोकेशन और किसी भी तरह की समस्या से निपटनेके लिए कॉल कर सकते हैं।सोशल मीडिया पर
पुलिस की रहेगी पैनी नजर
प्रयागराज महाकुंभ किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को अंजाम देने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों पर भी नजर रखी जा रही है। सोशल मीडिया के सभी माध्यमों पर पुलिस की पैनी नजर है। शिक्षण संस्थाओं के युवाओं को प्रशिक्षित करके डिजिटल वारियर्स के रूप में मेला परिसर में तैनात किया जाएगा। साथ ही मेला परिसर में सभी संबंधित विभागों के कैंप कार्यालय खोले जा रहे हैं।