प्रयागराज वाईबीएन नेटवर्क।
प्रयागराज के में भव्य महाकुंभ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें देश-विदेश से करोड़ों श्रद्धालु हिस्सा लेंगे। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि वो कौन सी स्नान तिथियां हैं जिन पर स्नान करने से आपको विशेष लाभ मिलेगा और उस दिन स्नान करने की धार्मिक विधि क्या है।
1. पौष पूर्णिमा (13 जनवरी): कल्पवास की शुरुआत
पौष मास की पूर्णिमा के दिन स्नान का विशेष महत्व है, खासकर तीर्थ स्थलों पर। इस दिन कल्पवास की शुरुआत होती है, जहां श्रद्धालु व्रत रखते हुए गंगा नदी में स्नान करते हैं। इस दिन से पुण्य और संयम की शुरुआत होती है।
धार्मिक विधि: शुद्ध मन से स्नान करें और तन-मन को शुद्ध करने के लिए ध्यान और तप में लीन हो जाएं। तंत्र-मंत्र और पूजा-पाठ के जरिए आध्यात्मिक शुद्धता प्राप्त करें।
2. मकर संक्रांति (14 जनवरी): पहला शाही स्नान
मकर संक्रांति पर सूर्य उत्तरायण हो जाता है और इस दिन का विशेष महत्व होता है। इसे 'स्नान पर्व' के रूप में मनाया जाता है। खास तौर पर गंगा, यमुनाजी और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य मिलता है।
धार्मिक विधि: मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय से पहले नदियों में स्नान करें और सूर्य देव की पूजा करें। स्नान के बाद तिल और तिल से बनी चीजों का दान करें।
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3. मौनी अमावस्या (29 जनवरी): दूसरा शाही स्नान
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है। इस दिन नदियों में स्नान करने से पुण्य और मन की शांति मिलती है।
धार्मिक विधि: इस दिन पवित्रता और मौन रहकर स्नान करें, साथ ही साधना भी करें। ध्यान, जप और आत्म-स्मरण के माध्यम से आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ें।
4. बसंत पंचमी (2 फरवरी): तीसरा शाही स्नान
बसंत पंचमी पर देवी सरस्वती की पूजा की जाती है और यह दिन विशेष रूप से ज्ञान और विद्या का प्रतीक है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
धार्मिक विधि: बसंत पंचमी पर नदियों में स्नान करके देवी सरस्वती का आशीर्वाद लें। इस दिन नए ज्ञान की शुरुआत करें।
5. माघी पूर्णिमा (12 फरवरी): कल्पवास का समापन
माघ मास की पूर्णिमा के दिन कल्पवास का समापन होता है। यह दिन तपस्वियों और साधकों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दिन शुद्धि और पुण्य की प्राप्ति होती है।
धार्मिक विधि: इस दिन गंगा में स्नान करें और यथाशक्ति दान करें, जिससे पुण्य की प्राप्ति हो। तपस्वियों की सेवा करें और संयम का पालन करें
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6. महाशिवरात्रि (26 फरवरी): महाकुंभ का अंतिम दिन
महाशिवरात्रि के दिन महाकुंभ का समापन होता है और यह दिन शिव भक्तों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन गंगा, यमुना और अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से विशेष रूप से शिव का आशीर्वाद मिलता है।
धार्मिक विधि: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा करें और शिवलिंग का अभिषेक करें। पूरे दिन उपवास रखें और रात में जागकर ध्यान में लीन रहें।
इन स्नान अवसरों पर धार्मिक तरीके से स्नान करने आपके जीवन में पवित्रता, सदाचार और आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है।
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