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Mahakumbh 2025 : देवलोक की अनुभूति करा रहे 30 पौराणिक तोरण द्वार

प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के अभिनंदन के लिए विशेष प्रकार के स्वागत द्वार बनाए जा रहे हैं। इनमें 14 रत्न, नंदी, डमरू, समुद्र मंथन और कच्छप द्वार बनाए गए हैं। ये द्वार श्रद्धालुओं को अपनी और आकर्षित कर रहे हैं।

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Mukesh Pandit
Wellcome Gate

Photograph: (youngBharat)

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महाकुंभनगर, वाईबीएन नेटवर्क।
दुनिया का स्वागत करने के लिए तीर्थों के राजा तीर्थराज प्रयागराज तैयार हैं। महाकुंभनगर में प्रवेश करते ही समुद्र मंथन के 14 रत्न सभी श्रद्धालुओं का वंदन करेंगे। आग कदम बढ़ाते ही आपको शिव शंभु का विशाल डमरू दिखेगा। इसके साथ ही कच्छप, समुद्र मंथन और नंदी द्वार श्रद्धालुओं का अभिनंदन करेंगे। तीर्थस्थल पर कुल 30 पौराणिक तोरण द्वार श्रद्धालुओं को देवलोक की अनुभूति कराएंगे।

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MahaKumbh
Photograph: (PBI)

प्रदेशभर से आए कारीगरों ने निभाई भूमिका

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कुंभनगर में देश-दुनिया से आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां की तैयारियां कुछ इस तरह की गई हैं कि महाकुंभ की आभा देख लोगों को एक अलग तरह की दुनिया का एहसास हो रहा। महाकुंभ नगरी में प्रवेश करते ही श्रद्धालुओं को देवलोक की दिव्य अनुभूति होगी। यहां 30 अलग अलग पौराणिक महत्व के तोरण द्वार बनाए गए हैं। प्रदेशभर से आए कारीगरों ने पूरे उत्साह से इसे अंजाम दिया है। 

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MahaKumbh
Photograph: (youngBharat)
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श्रद्धालुओं को होगा दिव्य महाकुंभ का अहसास

महाकुंभनगर में श्रद्धालुओं को बहुत ही मनोहारी दृश्य दिखाई पड़ेगा। यहां की पौराणिकता आने वाले श्रद्धालुओं को दिव्यता से भर देगी। सबसे पहले मेला क्षेत्र में एंट्री करते ही 14 रत्न आपका स्वागत करने के लिए तत्पर दिखाई पड़ेंगे। जिसमें ऐरावत, कामधेनु गाय, घोड़ा, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, महालक्ष्मी, चंद्रमा, शारंग धनुष, शंख, धन्वंतरि, अमृत आदि शामिल हैं। इसके बाद नंदी द्वार और भोले भंडारी का विशालकाय डमरू नजर आएगा। इसकी लंबाई 100 फीट और ऊंचाई लगभग 50 फीट से भी अधिक है। इस विशालकाय डमरू को बनाने में बड़ी संख्या में कारीगर जुटे हैं। इसके अलावा समुद्र मंथन द्वार और कच्छप द्वार समेत 30 विशेष तोरण द्वार श्रद्धालुओं को पौराणिकता की अनुभूति करा रहे हैं।

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मंत्रों के जाप से गुंजायमान हुआ महाकुंभनगर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि महाकुंभ को दुनिया के सामने इस तरह से सजाया और संवारा जाए कि जो पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बनकर उभरे। इस महाआयोजन की ओर बढ़ते ही लोगों को यहां की दिव्यता का एहसास होने लगेगा। महाकुंभनगर का पूरा क्षेत्र सकारात्मक ऊर्जा और मंत्रों के जाप से गुंजायमान होने लगा है। यहां की महिमा ऐसी है कि पहुंचने के बाद लोग इसी पॉजिटिव एनर्जी में रच बस जाएं।

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महाकुंभ 2025
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