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सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर का चमत्कार: यहां पहुंचते ही होता है भविष्य का आभास

मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर अपनी अद्भुत मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों को भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है।

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YBN News
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SiddhavirKhedapatihanuman Photograph: (ians)

नई दिल्ली। मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर अपनी अद्भुत मान्यताओं के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि इस मंदिर परिसर में प्रवेश करते ही भक्तों को भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास होने लगता है। स्थानीय लोगों का दावा है कि मंदिर के पास से गुजरने वाली ट्रेनें अपने आप धीमी गति से गुजरती हैं, मानो स्वयं हनुमान जी के आदेश का पालन कर रही हों। माना जाता है कि यहां आने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और संकटों का निवारण होता है। यह मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र माना जाता है। भक्तों का कहना है कि मंदिर में आते ही उन्हें पूर्वाभास जैसे अनुभव होने लगते हैं, कई बार लगता है कि कुछ तो होने वाला है।

घटने वाली घटनाओं के संकेत

मालूम हो कि कई बार हमें आगामी समय में घटने वाली घटनाओं के संकेत पहले ही मिल जाते हैं। ये घटनाएं अच्छी और बुरी दोनों तरह की हो सकती हैं। सपनों और पूर्वाभास के जरिए अक्सर ऐसा होता है। वहीं, एक मंदिर ऐसा भी है जहां विराजमान भगवान हनुमान ऐसा ही कुछ पूर्वाभास देते हैं। ये मंदिर मध्य प्रदेश में है, जहां भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत भगवान हनुमान देते हैं। ये चमत्कार सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर में होता है, जहां भक्त दूर-दूर से बालाजी महाराज के दर्शन के लिए आते हैं।

मध्य प्रदेश के रतलाम-भोपाल रेलवे ट्रैक के पास शाजापुर में बोलाई गांव है, जहां चमत्कारी हनुमान जी विराजमान हैं। माना जाता है कि मंदिर 600 साल से ज्यादा पुराना है और यहां भगवान हनुमान भविष्य में घटने वाली घटनाओं का संकेत देते हैं। मंदिर को लेकर एक किंवदंती भी प्रसिद्ध है। लोगों का मानना है कि मंदिर के पास दो रेलवे ट्रैक मौजूद हैं, जहां सालों पहले दो मालगाड़ी आपस में टकरा गई थीं। हादसे के बाद मालगाड़ी चलाने वाले ड्राइवर ने बताया था कि उन्हें हादसे से पहले ही महसूस हो गया था कि कुछ बुरा होने वाला है, उनका मन भी किया कि मालगाड़ी की स्पीड कम की जाए, लेकिन फिर भी उन्होंने पूर्वाभास को दरकिनार करते हुए स्पीड जारी रखी और आगे हादसा हो गया।

600 साल पुराना मंदिर

भक्तों का मानना है कि जब भी कोई घटना होने वाली होती है तो मंदिर में विराजमान हनुमान किसी न किसी तरह से संकेत देते हैं। भक्त अपने साथ होने वाली घटनाओं के बारे में जानने के लिए भी आते हैं। सिद्धवीर खेड़ापति हनुमान मंदिर 600 साल से भी पुराना है। यहां अकेले भगवान हनुमान ही नहीं, बल्कि उनके साथ भगवान गणेश भी विराजमान हैं। इसलिए यह मंदिर और भी खास है, जहां दोनों भगवान एक ही प्रतिमा में समाहित हैं। इसी वजह से खेड़ापति हनुमान मंदिर की मान्यता बहुत ज्यादा है। यह देश में पहली ऐसी प्रतिमा है जिसमें हनुमान जी और गणेश जी दोनों एक साथ विराजमान हैं।

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हनुमान जी की प्रतिमा

 मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा को अलग-अलग रूपों से सजाया जाता है। कभी वे शिव अवतार तो कभी गणेश अवतार में दर्शन देते हैं। मंदिर में मंगलवार और शनिवार को विशेष पूजा का आयोजन होता है। इस दिन रामायण का अखंड पाठ भगवान के सामने किया जाता है और भक्त राम भक्ति में डूबे दिखते हैं। दूर-दूर से भक्त मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

(इनपुट-आईएएनएस)

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