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नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
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Mahashivratri : 26 फरवरी बुधवार को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शिवपुराण में वर्णित कथा के अनुसार ब्रह्मा और विष्णु के बीच हुए विवाद को शांत करने के लिए भगवान शिव ने शिवलिंग के रूप में प्रकट होकर उन्हें अपने निराकार स्वरूप का ज्ञान कराया था। यह दिव्य घटना फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि को हुई थी। इसी कारण इस दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस अवसर पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना और व्रत का आयोजन किया जाता है।
घर में शिवलिंग स्थापना के लिए नियम का पालन करें
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जो लोग शिव मंदिर में जाकर पूजा करने में असमर्थ होते हैं, वे घर पर शिवलिंग स्थापित करके भगवान शिव की आराधना कर सकते हैं। महाशिवरात्रि का दिन शिवलिंग स्थापना के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। हालांकि, घर में शिवलिंग स्थापित करते समय इसके आकार और धातु से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना आवश्यक है।
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घर में शिवलिंग कितना बड़ा होना चाहिए
घर में स्थापित किए जाने वाले शिवलिंग का आकार छोटा होना चाहिए, क्योंकि बड़े आकार के शिवलिंग केवल मंदिरों में ही स्थापित किए जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार घर में शिवलिंग का आकार हाथ के अंगूठे के पहले भाग (टिप) से बड़ा नहीं होना चाहिए। यह आकार शुभ और पूजन के लिए आदर्श माना गया है। शिवलिंग के साथ भगवान गणेश, माता पार्वती, भगवान कार्तिकेय और नंदी की छोटी-छोटी प्रतिमाएं भी स्थापित करनी चाहिए, जिससे पूजा का फल शीघ्र प्राप्त होता है।
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शिवलिंग किस धातु का होना चाहिए
घर में पूजन के लिए सोना, चांदी, पीतल, मिट्टी या पत्थर का शिवलिंग रखना शुभ माना जाता है। एल्युमिनियम, स्टील और लोहे के शिवलिंग की पूजा करने से बचना चाहिए, क्योंकि ये धातुएं धार्मिक दृष्टि से पूजा-पाठ के लिए उपयुक्त नहीं मानी जाती हैं। इसके अलावा स्फटिक और पारद के शिवलिंग भी घर में स्थापित किए जा सकते हैं। विशेष रूप से पारद शिवलिंग को शिव कृपा प्राप्त करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
अगर शिवलिंग खंडित हो जाए तो क्या करें ?
शिवलिंग भगवान शिव के निराकार स्वरूप का प्रतीक है, जिसका कोई निश्चित आकार नहीं होता। इस कारण यदि शिवलिंग खंडित भी हो जाए तब भी उसकी पूजा की जा सकती है। हालांकि, यदि भगवान शिव की प्रतिमा खंडित हो जाए तो उसे मंदिर से हटा देना चाहिए क्योंकि खंडित मूर्ति की पूजा अशुभ मानी जाती है। लेकिन यह नियम शिवलिंग के लिए लागू नहीं होता।
इस साल महाशिवरात्रि पर बन रहा दुर्लभ ग्रह योग
इस वर्ष महाशिवरात्रि के दिन सूर्य, बुध और शनि ग्रह एक साथ कुंभ राशि में स्थित रहेंगे। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस प्रकार का दुर्लभ योग 1965 के बाद अब 2025 में बन रहा है। इस विशेष योग के दौरान भगवान शिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कुंडली में मौजूद ग्रह दोष शांत हो जाते हैं। इसके अतिरिक्त, महाशिवरात्रि के अवसर पर भगवान शिव के द्वादश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन और पूजा का विशेष महत्व है। यदि किसी कारणवश ज्योतिर्लिंगों के दर्शन संभव न हो, तो भक्त किसी अन्य प्राचीन शिव मंदिर में जाकर पूजा कर सकते हैं। अगर मंदिर जाना भी संभव न हो, तो घर में ही विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा करके भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है।
घर में शिवलिंग पूजा के नियम
- शिव परिवार की एक साथ पूजा करने से शीघ्र फल प्राप्त होता है।
- घर के मंदिर और उसके आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- प्रतिदिन सुबह और शाम शिवलिंग के पास दीपक जलाना चाहिए।
- पूजा के दौरान भगवान शिव को बेलपत्र, धतूरा, भांग और चंदन अर्पित करें।
- भगवान शिव को भोग के रूप में दूध, दही, शहद और घी का अर्पण करें।
- शिवलिंग पर जल और गंगाजल का अभिषेक करने से विशेष पुण्य मिलता है।
- पूजा के समय "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए भगवान शिव का ध्यान करना चाहिए।
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