अमेरिका से एक जरूरी स्टडी सामने आई है। वहां के बच्चों के मैथ्स और साइंस के स्कोर में भारी गिरावट आई है। ये खबर काफी हैरान करने वाली है क्योंकि अमेरिका में मैथ्स और साइंस पर बहुत ज्यादा जोर दिया जाता है। वहाँ के बच्चों की मैथ्स और साइंस में पकड़ देखकर यूएस को देखकर एजुकेशन हब भी कहा जाता है।
नेशनल सेंटर फॉर एजुकेशन स्टैटिस्टिक्स (NCES) ने दिसंबर 2024 में 'ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल मैथमेटिक्स एंड साइंस स्टडी' (TIMSS) के आधार पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के छात्र साइंस और मैथ्स के मामले में दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में बहुत ज्यादा पीछे हैं। साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अमेरिका हमेशा से आगे रहा है और इस वजह से गिरते नंबरों ने चिंता पैदा कर दी है। अगर रिपोर्ट्स को देखें तो 2019 से 2023 के बीच चौथी कक्षा के छात्रों के गणित स्कोर में 18 अंकों की गिरावट आई है, वहीं आठवीं कक्षा के छात्रों के स्कोर में 27 अंकों की कमी आई है, जो 1995 के बाद से सबसे बड़ी गिरावट है।
इस वजह से कम हो रहे है नंबर
कोविड-19: साल 2019 में आई कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बंद होने और ऑनलाइन शिक्षा के कारण छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हुई थी। इस महामारी के चलते छात्रों की एजुकेशन ग्रोथ में बाधा हुई थी।
पाठ्यक्रम का अलग-अलग होना: अमेरिका के विभिन्न राज्यों में गणित के पाठ्यक्रम में भिन्नता है, कुछ राज्यों में पाठ्यक्रम कठिन हैं, वहीं अन्य में सरल है। इससे छात्रों के प्रदर्शन में असमानता होती है।
शिक्षकों की कमी: अमेरिका में अच्छे मैथ्स शिक्षकों की भी भारी कमी है। ग्रामीण इलाकों में तो हालात और खराब है, वहाँ तो अच्छे टीचर्स को ढूँढना ही मुश्किल है।
तकनीकी असमानता: डिजिटल लर्निंग टूल्स का समान रूप से उपयोग न होने के कारण भी गरीब छात्रों को बहुत ज्यादा नुकसान होता है।
यह भी देखें:
चाँद पर पहले पहुंचेगा कौन Elon Musk या Jeff Bezos?
MP Board का बदला पैटर्न, 10वीं और 12वीं में इतने अंक के होंगे पेपर
कड़कड़ाती ठंड के चलते इन शहरों मे बंद हुए School
Inquiry Committee: लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रो. विमल के खिलाफ होगी जांच