Advertisment

CBSE का ग्लोबल करिकुलम: अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित नया पाठ्यक्रम

CBSE अगले साल से अपना ग्लोबल करिकुलम शुरू करने जा रहा है, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत तैयार किया गया है। इससे दुनिया भर के सीबीएसई संबद्ध स्कूलों को फायदा मिलेगा और छात्रों को ग्लोबल स्तर पर बेहतर अवसर मिलेंगे।

author-image
Suraj Kumar
CBSE Global carriculam
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

नई दिल्‍ली, वाईबीएन डेस्‍क।सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (CBSE) ने अपनी शिक्षा प्रणाली को ग्लोबल स्तर पर विस्तारित करने की तैयारी तेज कर दी है। बोर्ड अगले साल से ‘ग्लोबल करिकुलम’ शुरू करने जा रहा है, जिसके लिए तकनीकी सहायता प्रदान करने वाली एक विशेष एजेंसी का चयन किया जाएगा। CBSE का मानना है कि यह नया ग्लोबल करिकुलम वर्तमान अंतरराष्ट्रीय शिक्षा बोर्डों का एक सशक्त और किफायती विकल्प साबित होगा।

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों मानकों के बीच होगा संतुलन

हाल ही में सीबीएसई की गवर्निंग बॉडी की बैठक में इस परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। इसमें लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। यह करिकुलम बोर्ड के भारतीय शिक्षा अनुभव और ज्ञान पर आधारित होगा, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों मानकों के बीच संतुलन बनाएगा। ग्लोबल करिकुलम का उद्देश्य छात्रों को भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बेहतर अध्ययन और करियर के अवसर उपलब्ध कराना है। इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप तैयार किया जा रहा है, ताकि छात्रों को पढ़ाई में अधिक लचीलापन, विषयों में विविध विकल्प और वैश्विक स्तर की शिक्षा का अनुभव मिल सके।

विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को होगा फायदा 

यह करिकुलम विशेष रूप से सीबीएसई के उन स्कूलों के लिए होगा जो भारत के बाहर स्थित हैं। इसके तहत प्री-क्लास से आठवीं कक्षा तक के लगभग 1000 विदेशी संबद्ध स्कूलों को शामिल किया जाएगा। इससे न केवल भारत के बाहर सीबीएसई की पहुँच बढ़ेगी, बल्कि मेजबान देशों के स्थानीय छात्रों को भी इसका लाभ मिलेगा। सीबीएसई की 141वीं गवर्निंग बॉडी की बैठक में यह प्रस्ताव पेश किया गया कि यह करिकुलम भारतीय ज्ञान परंपरा को विश्व स्तर पर प्रमोट करेगा। इसका उद्देश्य वैश्विक शैक्षिक मानकों के अनुरूप एक नया विकल्प प्रदान करना है, जिससे छात्र व्यापक और गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।

इस परियोजना की तैयारी इस साल फरवरी में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश के बाद शुरू हुई थी। मंत्रालय ने सीबीएसई को विदेशी स्कूलों और भारत में अंतरराष्ट्रीय बोर्ड संचालित करने वाले स्कूलों के लिए नया करिकुलम विकसित करने को कहा था। एक अधिकारी ने बताया कि इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति की सिफारिशों के अनुरूप डिजाइन किया जा रहा है, जिससे छात्रों को बहुआयामी शिक्षा और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी का अवसर मिले।

CBSE
Advertisment
Advertisment