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आर्यन खान की वेब सीरीज 'Bads of Bollywood': रणबीर कपूर के खिलाफ दर्ज होगा केस

शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की वेब सीरीज 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' कानूनी विवाद में फंसती दिखाई दे रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुंबई पुलिस से अभिनेता रणबीर कपूर, वेब सीरीज के निर्माताओं और नेटफ्लिक्स के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की है।

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YBN News
Ranbeerkapoor

Ranbeerkapoor Photograph: (IANS)

मुंबई। मानवाधिकार आयोग ने सीरीज ‘बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ को लेकर अभिनेता रणबीर कपूर के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की है। आयोग ने पाया कि सीरीज में कुछ दृश्य और संवाद समाज में संवेदनशीलता और मानवाधिकारों का उल्लंघन कर सकते हैं। आयोग ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं। रणबीर कपूर और प्रोडक्शन टीम ने अभी तक इस सिफारिश पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। इससे पहले दर्शकों और एक्टिविस्ट समूहों की ओर से भी इस सीरीज को लेकर विरोध की आवाज उठाई जा चुकी है।

रणबीर कपूर का कैमियो रोल

जानकारी हो कि आर्यन खान ने इस सीरीज को डायरेक्ट किया है। 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम हो रही है। इस सीरीज में रणबीर कपूर का कैमियो रोल है। इस सीरीज में बॉलीवुड की दुनिया दिखाई गई है। इसमें फिल्म इंडस्ट्री की दुनिया का सच लोगों के सामने लाने की कोशिश की गई है।

वेब सीरीज 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड'

मालूम हो कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान की वेब सीरीज 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' कानूनी विवाद में फंसती दिखाई दे रही है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मुंबई पुलिस से अभिनेता रणबीर कपूर, वेब सीरीज के निर्माताओं और नेटफ्लिक्स के खिलाफ केस दर्ज करने की सिफारिश की है। यह मामला धूम्रपान से जुड़े नियमों के उल्लंघन से जुड़ा है।

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धूम्रपान से जुड़े नियमों के उल्लंघन

दरअसल, 'बैड्स ऑफ बॉलीवुड' के एक सीन में रणबीर कपूर ई-सिगरेट पीते दिखाई दे रहे हैं। इस सीन में करण जौहर भी दिखाई दे रहे हैं। इस सीन में किसी तरह की लिखित चेतावनी भी नहीं दिखाई गई है। इस सीन की शिकायत करते हुए एक शख्स विनय जोशी ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को एक पत्र लिखा। उन्होंने कहा है कि यह युवा पीढ़ी को गलत तरीके से प्रभावित कर सकती है। याचिकाकर्ता के अनुसार, इस तरह का चित्रण युवा दर्शकों को गुमराह कर सकता है और अप्रत्यक्ष रूप से प्रतिबंधित उत्पादों के सेवन को बढ़ावा दे सकता है, जिससे भारत में तंबाकू नियंत्रण मानदंडों का उल्लंघन होता है।

इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम 2019

मामले का संज्ञान लेते हुए मानवाधिकार आयोग ने मुंबई पुलिस को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट निषेध अधिनियम 2019 के उल्लंघन का मामला दर्ज करने की सिफारिश की है। आयोग ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव को उचित कार्रवाई करने और ऐसी सामग्री पर तुरंत रोक लगाने का नोटिस जारी किया है जोयुवा पीढ़ी को गलत तरीके से प्रभावित कर सकती है।

वहीं मुंबई के पुलिस आयुक्त को इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट के निर्माताओं और आयातकों की पहचान की जांच शुरू करने के लिए कहा गया है।आयोग ने मुंबई पुलिस को एफआईआर दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।

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(इनपुट-आईएएनएस)

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