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Filmthebengalfails Photograph: (ians)
नई दिल्ली।फिल्म 'द बंगाल फाइल्स'को लेकर जारी विवाद और गहरा हो गया है। निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री की इस फिल्म की रिलीज पर बाधाएं खड़ी होने की खबरें सामने आई हैं। इसी बीच इंडियन मोशन पिक्चर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (आईएमपीपीए) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप की मांग की है।
जानबूझकर अड़चनें
आईएमपीपीए का कहना है कि फिल्म की स्क्रीनिंग और वितरण में जानबूझकर अड़चनें डाली जा रही हैं, जिससे न केवल निर्माता-निर्देशक बल्कि फिल्म इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंच रहा है। संगठन ने यह भी कहा कि सेंसर बोर्ड से स्वीकृति मिलने के बावजूद किसी भी फिल्म की रिलीज रोका जाना लोकतांत्रिक और संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ है। विवेक अग्निहोत्री की यह फिल्म सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर आधारित बताई जा रही है, जिसे लेकर पहले से ही कई विवाद खड़े हो चुके हैं। अब यह देखना बाकी है कि केंद्र सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।
फिल्म के निर्माण में भारी निवेश
Indian Motion Picture Producers’ Association comes out strongly in support of #TheBengalFiles and writes to @PMOIndia@narendramodi to intervene against the illegal and unconstitutional banning of the film by the West Bengal government of @MamataOfficial. pic.twitter.com/hkaUpaM1Cl
— Vivek Ranjan Agnihotri (@vivekagnihotri) September 9, 2025
आईएमपीपीए ने यह भी स्पष्ट किया है कि फिल्म के निर्माण में भारी निवेश किया गया है, जिसकी भरपाई केवल उसकी स्क्रीनिंग से संभव है।यदि फिल्म की रिलीज में इस तरह की बाधाएं जारी रहीं तो इससे निर्माताओं, वितरकों और संपूर्ण फिल्म उद्योग को गंभीर आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा। इस तरह की स्थिति से न केवल कला और सिनेमा के विकास पर असर पड़ेगा, बल्कि यह फिल्म प्रमाणन प्रक्रिया की वैधता पर भी सवाल खड़े करेगा।
प्रधानमंत्री से अपील
पत्र के आखिर में आईएमपीपीए ने प्रधानमंत्री से अपील की है कि वह इस मामले में जल्द हस्तक्षेप करें और यह सुनिश्चित करें कि 'द बंगाल फाइल्स' जैसी प्रमाणित फिल्मों को देश के किसी भी हिस्से में निर्बाध रूप से प्रदर्शित किया जा सके। संगठन ने कहा है कि यह सिर्फ एक फिल्म का मामला नहीं है, बल्कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और रचनात्मकता के सम्मान से जुड़ा एक व्यापक मुद्दा है।
फिल्म की रिलीज में बाधाएं
संगठन का आरोप है कि राज्य सरकार ने फिल्म पर कोई आधिकारिक प्रतिबंध नहीं लगाया गया है, लेकिन अप्रत्यक्ष तरीकों से फिल्म की रिलीज में बाधाएं उत्पन्न की जा रही हैं।
पत्र में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में 'द बंगाल फाइल्स'को दर्शकों तक पहुंचने से रोका जा रहा है, जिससे न सिर्फ दर्शकों का अधिकार प्रभावित हो रहा है, बल्कि निर्माता और वितरक भी डर और दबाव का सामना कर रहे हैं।राज्य सरकार कानून व्यवस्था और आवश्यक सुरक्षा प्रदान करने में विफल रही है, जो कि किसी भी रचनात्मक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए अनिवार्य है।