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All Living Things Environmental Film Festival की जूरी सदस्य बनीं श्रिया पिलगांवकर

अभिनेत्री श्रिया पिलगांवकर को ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल (ALT EFF) की जूरी सदस्य के रूप में चुना गया है। यह फिल्म फेस्टिवल 4 दिसंबर से मुंबई में शुरू होगा और पर्यावरण से जुड़ी डॉक्युमेंट्री व फिल्मों को मंच प्रदान करेगा।

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YBN News
ShriyaPilgaonkar

ShriyaPilgaonkar Photograph: (ians)

मुंबई।अभिनेत्री श्रिया पिलगांवकर को ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल (ALT EFF) की जूरी सदस्य के रूप में चुना गया है। यह फिल्म फेस्टिवल 4 दिसंबर से मुंबई में शुरू होगा और पर्यावरण से जुड़ी डॉक्युमेंट्री व फिल्मों को मंच प्रदान करेगा। श्रिया ने कहा कि उन्हें इस पहल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि यह फेस्टिवल जलवायु परिवर्तन और स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का काम करता है। फेस्टिवल में भारत और विदेशों की कई पर्यावरणीय फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। इसका समापन 8 दिसंबर को होगा।

फेस्टिवल की जूरी सदस्य

अभिनेत्री श्रिया पिलगांवकर को ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल की जूरी सदस्य के रूप में चुना गया है। यह फिल्म फेस्टिवल 4 दिसंबर से मुंबई में शुरू होगा और पर्यावरण से जुड़ी डॉक्युमेंट्री व फिल्मों को मंच प्रदान करेगा। फेस्टिवल में भारत और विदेशों की कई पर्यावरणीय फिल्मों की स्क्रीनिंग की जाएगी। श्रिया ने कहा कि उन्हें इस पहल का हिस्सा बनकर गर्व महसूस हो रहा है, क्योंकि यह फेस्टिवल जलवायु परिवर्तन और स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर जागरूकता फैलाने का काम करता है। इसका समापन 8 दिसंबर को होगा।

कई पर्यावरणीय फिल्मों की स्क्रीनिंग

मालूम हो कि 4 दिसंबर से शुरू हो रहे इस 11 दिवसीय फिल्म फेस्टिवल में दुनियाभर की फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा जो पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन, संरक्षण और टिकाऊ जीवन जैसे महत्वपूर्ण विषयों को उजागर करेंगी। पर्यावरण और सिनेमा के संगम का जश्न मनाने वाला ऑल लिविंग थिंग्स एनवायर्नमेंटल फिल्म फेस्टिवल इस साल अपने छठे संस्करण के साथ लौट रहा है। खास बात यह है कि इस बार अभिनेत्री श्रिया पिलगांवकर और अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त फिल्म निर्देशक पान नलिन को फेस्टिवल की जूरी में शामिल किया गया है। 

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फेस्टिवल की शुरुआत मुंबई में

इस साल फेस्टिवल की शुरुआत मुंबई से होगी और 14 दिसंबर को इसका समापन होगा। जूरी सदस्य के रूप में अपनी भूमिका को लेकर श्रिया पिलगांवकर ने खुशी जताई और आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "फेस्टिवल का हिस्सा बनना मेरे लिए बेहद खास है। अक्सर कलाकार यह बात करते हैं कि सिनेमा में लोगों को जोड़ने की ताकत होती है, लेकिन फेस्टिवल इस ताकत का इस्तेमाल जागरूकता और संवेदना बढ़ाने के लिए करता है, जिससे समाज में वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है।"

पर्यावरण का मुद्दा

श्रिया का मानना है कि पर्यावरण का मुद्दा हमारी रोजमर्रा की जिंदगी, स्वास्थ्य और भविष्य से सीधा जुड़ा हुआ विषय है। श्रिया ने आगे कहा, ''यह फेस्टिवल मुझे याद दिलाता है कि कहानियों में वह शक्ति होती है जो सोच को बदल सकती है, दिमाग खोल सकती है, और हमें प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी का एहसास करा सकती है।''
उन्होंने बताया कि जूरी की प्रक्रिया के दौरान उन्होंने कई प्रभावशाली फिल्में देखीं, जो नए नजरिए से सोचने और सीखने का मौका देती हैं।

बता दें कि इस फेस्टिवल में फीचर फिल्में, डॉक्यूमेंट्री, शॉर्ट फिल्म्स, और स्टूडेंट पर आधारित फिल्मों को दर्शकों के सामने लाया जाएगा। इन सभी फिल्मों का उद्देश्य केवल मनोरंजननहीं, बल्कि दर्शकों को प्रेरित करना, सोचने पर मजबूर करना और प्रकृति से जुड़ने का एहसास कराना है।

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 (इनपुट-आईएएनएस)

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