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SPBalasubrahmanyam Photograph: (IANS)
मुंबई। एस.पी. बालासुब्रमण्यम की आवाज की खासियत यह थी कि वह जिस भी अभिनेता के लिए गाते, वह उस अभिनेता की आवाज लगती थी। एस.पी. बालासुब्रमण्यम ने अपने करियर में लगभग 40,000 गाने गाए। वे इतने मेहनती थे कि एक दिन में 21 गाने रिकॉर्ड करने का भी रिकॉर्ड उनके नाम दर्ज है।
दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान
जानकारी हो कि उनके पास 6 बार नेशनल अवॉर्ड, 25 नंदी अवॉर्ड, 6 फिल्मफेयर अवॉर्ड सहित पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण जैसे बड़े सम्मान थे। उनकी आवाज में एक खास गहराई थी, जो सुनने वाले के दिल को छू जाती थी। उन्होंने सिर्फ गायकी नहीं, बल्कि फिल्मों में अभिनय और निर्देशन भी किया। बालासुब्रमण्यम का कोरोना महामारी के दौरान 25 सितंबर 2020 को निधन हो गया। उनका जाना संगीत की दुनिया के लिए एक बड़ा नुकसान था। उन्होंने अपनी आवाज के जरिए बॉलीवुड और साउथ इंडस्ट्री दोनों में एक अमिट छाप छोड़ी है।
मालूम हो कि सलमान खान ने 90 के दशक में जब बॉलीवुड में कदम रखा, तो उनकी फिल्मों के हिट गाने लंबे समय तक लोगों की जुबान पर रहे। 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन' और 'साजन' जैसी फिल्मों में सलमान के गाने आज भी लोग गुनगुनाते हैं। इन गानों में जो आवाज सुनाई देती थी, वह प्रसिद्ध गायक एस.पी. बालासुब्रमण्यम की थी। बालासुब्रमण्यम की मधुर और सुरीली आवाज ने सलमान की शुरुआती पहचान को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाई थी।
फिल्मों में सलमान की आवाज
यही कारण था कि जब सलमान खान ने 1990 में फिल्म 'मैंने प्यार किया' से बॉलीवुड में कदम रखा, तो उन्होंने एस.पी. बालासुब्रमण्यम को अपनी आवाज बनने दिया। यह जोड़ी इतनी पसंद की गई कि सलमान की फिल्मों के कई सुपरहिट गानों को लोग सलमान की ही आवाज समझते थे। बालासुब्रमण्यम ने 'मैंने प्यार किया', 'हम आपके हैं कौन', 'साजन', और 'अंदाज अपना अपना' जैसी फिल्मों में सलमान की आवाज दी और उनके करियर को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाने में अहम रोल अदा किया।
हालांकि, 1994 के बाद बालासुब्रमण्यम ने अचानक सलमान के लिए गाना बंद कर दिया। सलमान खान ने बाद में बताया कि समय के साथ उनकी आवाज में बदलाव आ गया था और अब वह उनकी आवाज पर सूट नहीं करती थी, इसलिए उन्होंने नए युवा गायक ढूंढने शुरू कर दिए थे।
एस.पी. बालासुब्रमण्यम का जन्म 4 जून 1946 को आंध्र प्रदेश के नेल्लोर शहर में हुआ था। बचपन से ही उनकी आवाज में एक खास मिठास थी। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, लेकिन जल्द ही संगीत के प्रति उनकी रुचि ने उनकी राह बदल दी। उन्होंने चेन्नई में एक सिंगिंग कॉम्पिटिशन जीता, जिससे उनके करियर की शुरुआत हुई। 1969 में उन्होंने पहली बार तमिल फिल्म के लिए गाना गाया और फिर उन्होंने संगीत की दुनिया में कदम जमा लिया।
नेशनल अवॉर्ड
उन्होंने अपनी आवाज से दक्षिण भारत की तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मलयालम फिल्मों में बड़ा नाम कमाया, लेकिन बॉलीवुड में उनका सफर 1981 में फिल्म 'एक दूजे के लिए' के साथ शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने कमल हासन के लिए गाने गाए और इस फिल्म के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया।
(इनपुट-आईएएनएस)