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Challenge: 16 लाख से अधिक स्कूली बच्चों को को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाना बड़ी चुनौती

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस स्वास्थ्य विभाग के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी मदरसों के अंतर्गत बच्चों को दवाई पिलाना मुश्किल काम दिखाई दे रहा है..

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Syed Ali Mehndi
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता। 

जिले के सभी सरकारी, प्राईवेट स्कूलों, मदरसों एवं आंगनवाड़ी केन्द्रो पर 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाना है।

इसके अंतर्गत 16 लाख से अधिक बच्चों को दवाई खिलाना एक बड़ी चुनौती दिखाई दे रही है दरअसल सरकारी स्कूल तो रामभरोंस चलते हैं ऐसे में स्कूलों में सफाई आदि के साथ दवाई खिलाने को लेकर तैयारी तो जोर-जोर से चल रही हैं लेकिन इसकी संभावना कम ही दिखाई देती है कि सभी बच्चों तक बेहतर तरीके से दवाई पहुंच सकेगी।

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मदरसे और आंगनबाड़ी है चुनौती पूर्ण

 दरअसल आंगनबाड़ी और मदरसों में स्वास्थ्य विभाग को चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि सरकारी शहरी क्षेत्र के स्कूलों में तो व्यवस्था ठीक-ठाक नजर आ रही है जहां बच्चे अध्यापक आदि के दिशा निर्देशन का अधिकतर पालन करते हैं लेकिन मदरसे एवं आंगनबाड़ी में बच्चों के अभिभावक इतने पढ़े लिखे नहीं होते कि उन्हें ठीक से दवाई के संबंध में समझाया जाए और उनकी समझ में आ जाए ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिए मदरसे और आंगनवाड़ी चुनौती बन सकते हैं।

बेहद आवश्यक है एल्बेंडाजोल 

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मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 10 फरवरी-2025 को 01 वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी छात्र छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जानी है। 10 फरवरी को दवा खाने से वंचित बच्चों के लिए 14 फरवरी-2025 को मापअप रांउड में दवा खिलाई जाएगी।

उन्होने कहा कि एल्बेंडाजोल की 400 एमजी की गोली स्कूलों में आवश्यकतानुसार उपलब्ध करा दी गई है। एक से दो साल के बच्चों को आधी गोली चूर्ण बनाकर पानी के साथ देना है। दो साल से ऊपर के बच्चे एल्बेंडाजोल की गोली चबाकर खा सकते हैं। जनपद में कुल 1660943 स्कूली छात्र-छात्राओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जानी है।

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बता दें कि गत वर्ष भी जिला स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस काफी जोर-शोर से मनाने का ऐलान किया था लेकिन ग्रामीण क्षेत्र में अभियान सफल साबित नहीं हुआ था।

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