गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
साइबर ठगों ने दिया 1 करोड़ 87 लाख 99 हजार की ठगी को अंजाम, मुकदमा दर्ज
गाजियाबाद में साइबर ठगी रुकने का नाम नही ले रही है। साइबर ठगों ने अलग-अलग तीन लोगों से शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा देकर एक करोड़ 87 लाख 99 हजार रुपए की ठगी को अंजाम दिया है। तीनों पीड़ितों ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
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क्राॅसिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र के शैलेंद्र सिंह से 81.85 लाख रुपए इंदिरापुरम क्षेत्र के कारोबारी अनुज सिन्हा से 19.14 लाख रुपए और शालीमार गार्डन के संजीव कुमार शर्मा से 87 लाख रुपए की साइबर ठगी की।
स्प्रेडेक्स कंपनी बताकर 87.99 लाख रुपए ठगे
क्रासिंग रिपब्लिक थाना क्षेत्र निवासी उन्हें टेलीग्राम आईडी पर एक लिंक भेजा। जिस पर क्लिक करने के बाद खुद को वित्तीय विशेष बताने वाले लोगों को शेयर ट्रेडिंग में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने की तरकीब बताई गई। इसके साथ ही पहले छोटी और फिर आईपीओ की कीमत बड़ी बताकर करीब 14 अलग-अलग बैंक खातों में रुपए ट्रांसफर कराए गए।
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पीड़ित ने डी-मैट खाते से रुपए निकालने का प्रयास किया तो उन्हें तकनीकी खराबी होने के चलते आगे निवेश करने का दबाव बनाया। पीड़ित ने नामचीन स्प्रेडेक्स कंपनी में जानकारी की तो उन्हें साइबर ठगी का एहसास हुआ।
शेयर ट्रेडिंग में 19.14 लाख रुपए गवांए
इंदिरापुरम थाना क्षेत्र के एसपीएस रेजीडेंसी वैभव खंड निवासी अनुजय सिन्हा ने बताया कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर विज्ञापन देखकर उन्होंने शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने का मन बनाया। उन्होंने एक विज्ञापन पर क्लिक किया और जानकारी ली।
जिसके बाद एक कॉलर ने कॉल कर खुद को नामचीन कंपनी का प्रतिनिधि बताकर शेयर ट्रेड़िंग में निवेश करने का दबाव बनाया। पीड़ित अनुजय सिन्हा ने साइबर ठगों के कहने पर 14 अलग-अलग बैंक खातों में 19.14 लाख रुपये शेयर ट्रेडिंग के नाम पर निवेश किए। जब उन्होंने डी-मैट खाते से रुपये निकालने का प्रयास किया तो ठगों ने अतिरिक्त धनराशि जमा करने की बात कही। पीड़ित अनुजय सिन्हा ने साइबर ठगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
"हेम सिक्योरिटी" के नकली एप से 87 लाख रुपये ठगे
साहिबाबाद के शालीमार गार्डन एक्सटेंशन निवासी संजीव कुमार वर्मा ने बताया कि नौ जनवरी को उन्हें मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक करने पर उन्हें वित्तीय निवेशक क्षेत्र में नामचीन कंपनी हेम सिक्योरिटी फर्जी एप से जोड़ा गया। उसमें बने ग्रुप में वित्तीय विशेषज्ञों ने इस ग्रुप को विदेशों तक फैला हुआ बताया।
उन्होंने शेयर ट्रेडिंग में निवेश किया और अलग-अलग बैंक खातों में 87 लाख रुपये निवेश किए। रुपये निकालने पर साइबर ठगों ने अतिरिक्त धनराशि की मांग की। उन्हें साइबर ठगी का अहसास हुआ और साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया।
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