गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
7 माह की थी गर्भवती
गाजियाबाद। सात माह की गर्भवती कुंवारी चचेरी बहन की हत्या में दोषी भाई को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश इंदू द्विवेदी ने निर्णय में दोषी चचेरे भाई पर 33 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया है।
19 वर्षीय युवती दवाई लेने के बहाने अपने घर से ताऊ के गांव हापुड़ गई थी। उसी गांव के बाहर खेत में उसका शव मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद परिजनों को पता चला था कि वह सात माह की गर्भवती थी।
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बहन के पेट में था भाई का बच्चा
डीएनए जांच से पता चला था कि युवती का संबंध चचेरे भाई से था। उसी का बच्चा युवती का गर्भ में पल रहा था। शादी का दबाव बनाने पर चचेरे भाई ने हत्या कर शव खेत में फेंक दिया था।
पीड़ित पिता ने 28 फरवरी 2009 को थाना हापुड़ देहात में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया था कि उनके बड़े भाई हापुड़ देहात के एक गांव में रहते हैं। उनकी 19 वर्षीय बेटी घटना के चार दिन पहले दवाई लेने की बात कहकर घर से गई थी।
यह कहा था कि डाक्टर को दिखाने के बाद दवा लेकर ताऊ के घर जाएगी। युवती ने फोन पर अपने पिता को बताया था कि उसकी तबीयत ठीक नहीं थी, इसलिए रिश्तेदार के यहां जा रही है।
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अचानक लापता हुई थी युवती
28 फरवरी 2009 को आठ बजे भतीजे को फोन पर कहा कि बेटी को मोटर साइकिल से रिश्तेदार के गांव पहुंचा दो, तब भतीजे ने बताया कि वह 27 फरवरी को 3.30 बजे दवाई लेने के बाद घर जाने की बात कहकर चली गयी थी।
उसके बाद बेटी की तलाश शुरू की। डाक्टर के क्लीनिक पर बताया गया कि वहां दवाई लेने नहीं गई थी। तलाश करने पर जानकारी मिली कि एक लड़की का शव अजय त्यागी के सरसों के खेत में पड़ा है। मौके पर जाकर देखा तब पता चला कि शव उनकी बेटी का था।
किसी धारदार हथियार से गले व सीने पर वार कर हत्या के बाद शव को आवास विकास कॉलोनी बाबा बालक नाथ मंदिर से ग्राम दोपनी को जाने वाले सर्विस रोड के पूरब खेत में छिपा दिया था। सुनवाई के दौरान पुलिस ने 12 गवाह और 30 साक्ष्य अदालत में पेश किया था।
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