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Ghaziabad Crime: बिल्डरों की गुंडई से खाकी भी परेशान, 2013 में फ्लेट बुक कराया, आज तक नहीं मिला कब्जा, FIR

कानून की रक्षा करना खाकी का काम है। मगर, खाकी के साथ ही फ्रोड हो तो क्या हो। यूपी का एक पुलिसकर्मी 2013 से परेशान है। वो एक नामचीन बिल्डर को फ्लेट की एवज में नौ लाख रुपये दे चुका है। मगर, आज तक उसे कब्जा नहीं मिला। थक-हारकर पुलिस कमिश्नर से गुहार लगाई है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

दिल्ली-NCR में अपने सपनों का एक घर बनाना हर कोई चाहता है। इसी ख्वाब को हकीकत में बदलने के फेर में बहुत सारे लोग ठगी (Fraud) के शिकार बन जाते हैं। शिकायतों के बावजूद न तो उनका ख्वाब चूर-चूर करने वाले ठगों के खिलाफ कोई एक्शन होता है और ना ही उनकी गाढ़ी कमाई ही वापस मिल पाती है। पुलिस थाने-चौकियों से लेकर संबंधित अफसरों के चक्कर लगाते-लगाते लोग परेशान हो जाते हैं। मगर, न उन्हें सपनों का घर मिलता है और ना ही उनकी गाढ़ी कमाई ही वापस मिलती है। ऐसे ही अनगिनत लोगों में यूपी पुलिस का एक पुलिसकर्मी भी शामिल है, जो 2013 से अपने सपनों का घर बनाने की कोशिश में परेशान है। नौकरी से रिटायर्ड भी हो चुका है। मगर, न सपनों का घर मिला और न उसके बहाने से ठगे गए 9 लाख रुपये ही आज तक मिल सके। पुलिस कमिश्नर से शिकायत के बाद अब जाकर आरोपी बिल्डरों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।

ये है पीड़ित पुलिसकर्मी

मूल रूप से यूपी के फिरोजाबाद जिले के गांव गढ़ी डॉंग सहाय नसीरपुर के रहने वाले वीरेश्वर यादव यूपी पुलिस में मुख्य आरक्षी थे। 2013 में उनकी तैनाती गाजियाबाद में थी। रिटायर्ड होने से पहले वीरेश्वर नोएडा में एक घर बनाना चाहते हैं। उनका यही सपना उनके लिए ऐसी मुसीबत लेकर आया कि 2013 से आज तक थाने-चौकियों और अफसरों के चक्कर काट रहे हैं। मगर, न तो उन्हें घर मिल रहा है और ना उसकी एवज में बिल्डर को दी गई नौ लाख की रकम।

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ये है पूरा मामला

गाजियाबाद के सिटी जोन में आने वाले थाना नंदग्राम में पुलिस कमिश्नर के निर्देश पर दर्ज हुए मुकदमें में वीरेश्वर ने जिक्र किया है कि उन्होंने 2013 में गाजियाबाद में तैनाती के दौरान इंफ्रा होम्स राजनगर एक्सटेंशन में एक फ्लेट की बुकिंग कराई थी। समय-समय पर कभी एक तो कभी दो लाख की रकम बिल्डर को दी। नौ लाख रुपये जमा कर दिए। मगर, आज तक फ्लेट नहीं मिला।

रिटायर्ड हो गए मगर, नहीं मिला आशियाना

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28 अप्रैल 2025 को वीरेश्वर ने थक-हारकर मामले की शिकायत गाजियाबाद के पुलिस कमिश्नर से की। शिकायती पत्र में वीरेश्वर ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि रिटायर्ड होने के बाद से वह अपने पैतृक आवास फिरोजाबाद जिले में रह रहे हैं। अपने साथ हुई धोखाधड़ी के सिलसिले में बार-बार कभी नोएडा तो कभी गाजियाबाद के चक्कर लगाने में जमा पूंजी तो खर्च हो ही रही है, साथ ही शारीरिक दिक्कतों से भी जूझना पड़ रहा है। बावजूद इसके न तो उनके साथ ठगी करने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई हो रही है और ना ही उन्हें घर मिल रहा है। 

नये कमिश्नर ने कराई जांच और FIR

मामला नये पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गौड़ के संज्ञान में आने के बाद नंदग्राम थाने में धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया है। इस दर्ज केस में कंपनी के दो डायरेक्टर्स और दो अकाउंटेंट को नामजद कराया गया है। केस धारा 420, 504, 506 के तहत दर्ज किया गया है।

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ये हैं आरोपी

इस केस में आरोपी बनाए गए लोगों में धर्मेंद्र कुमार शर्मा (कंपनी डायरेक्टर), गजेंद्र कुमार शर्मा (कंपनी डायरेक्टर) के अलावा दो अकाउंटेंट वैभव गोयल और गौरव गुप्ता को नामजद किया गया है। आरोपियों का हाल पता टावर-ए सेक्टर-63 नोएडा, गौतमबुद्धनगर बताया गया है।

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