गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद कमिश्नरेट में त्यागी समाज के सैकड़ों लोग पुलिस लाइन में पुलिस कमिश्नर कार्यालय के बाहर धरने पर बैठ गए। यह धरना आईएमएस कॉलेज, डासना में बीबीए के फाइनल वर्ष के छात्र ध्रुव त्यागी पर हुए जानलेवा हमले के मामले में पुलिस की कथित लापरवाही और आरोपियों को छोड़ने के विरोध में आयोजित किया गया।
समाज का कहना है कि वेव सिटी थाना प्रभारी ने हल्की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को थाने से रिहा कर दिया, जिसके खिलाफ वे इंस्पेक्टर के सस्पेंशन की मांग कर रहे हैं। ध्रुव के दादा, रिटायर्ड डीएसपी वीरेंद्र त्यागी के नेतृत्व में समाज ने चेतावनी दी है कि जब तक इंस्पेक्टर को सस्पेंड नहीं किया जाता, धरना जारी रहेगा।
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घटना का विवरण
15 मई 2025 को हापुड़ के आश्रम रोड, त्यागी नगर निवासी ध्रुव त्यागी, जो गाजियाबाद के आईएमएस कॉलेज, डासना में बीबीए फाइनल वर्ष का छात्र है, अपनी परीक्षा देने हाईटेक कॉलेज, डासना गया था। परीक्षा के बाद बाहर निकलते समय 5-6 नकाबपोश युवकों ने उस पर जानलेवा हमला कर दिया। हमलावरों में आईएमएस कॉलेज के कुछ छात्र और बाहरी युवक शामिल थे। उन्होंने पहले ध्रुव को लात-घूंसों से पीटा, फिर लाठी-डंडों से बेरहमी से प्रहार किया।
खून से लथपथ ध्रुव बेहोश होकर जमीन पर गिर गया, लेकिन हमलावर तब भी डंडे बरसाते रहे।इस घटना का वीडियो सोमवार को वायरल हुआ, जिसमें साफ दिख रहा है कि नकाबपोश हमलावर ध्रुव को बेरहमी से पीट रहे हैं, जबकि अन्य छात्र तमाशबीन बने रहे। ध्रुव को गंभीर चोटें आईं, और वह वर्तमान में गाजियाबाद के मणिपाल अस्पताल के आईसीयू में भर्ती है। उसके सिर, चेहरे और शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें हैं।
पुलिस पर साठगांठ का आरोप
ध्रुव के भाई उदय त्यागी ने वेव सिटी थाने में प्रथम वत्स, आलोक, सुमित सांगवान, नकुल और अन्य के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 19(2), 190, 131 और 115(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया। हालांकि, पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने जानलेवा हमले की गंभीर धाराएं लगाने के बजाय हल्की धाराएं लगाईं, जिसके चलते दो आरोपी, सुमित और नकुल, को थाने से छोड़ दिया गया।परिवार का कहना है कि ध्रुव के पिता राकेश कुमार त्यागी कैंसर से पीड़ित हैं, और इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। रिटायर्ड डीएसपी वीरेंद्र त्यागी ने पुलिस की इस कार्रवाई को साठगांठ करार देते हुए कहा कि यह न्याय का मखौल है।
त्यागी समाज का आक्रोश
घटना के बाद वायरल वीडियो ने त्यागी समाज को आंदोलन के लिए प्रेरित किया। सोमवार को सैकड़ों लोग पुलिस लाइन में एकत्र हुए और पुलिस कमिश्नर कार्यालय का घेराव किया। समाज का कहना है कि पुलिस ने जानबूझकर आरोपियों को बचाने की कोशिश की और गंभीर धाराओं को हटाकर हल्की धाराएं लगाईं। उन्होंने वेव सिटी थाना प्रभारी के खिलाफ तत्काल सस्पेंशन की मांग की है। धरने में शामिल लोगों ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी, वे धरना खत्म नहीं करेंगे।
पुलिस का पक्ष
पुलिस कमिश्नर कार्यालय ने अभी तक इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, पुलिस इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को तेज करने की तैयारी में है। यह भी संभावना है कि वायरल वीडियो के आधार पर मामले में अतिरिक्त धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। पुलिस ने दो आरोपियों को छोड़ने के फैसले पर अभी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया है।
सामाजिक और कानूनी पहलू
यह घटना न केवल एक छात्र के साथ हुई बर्बरता को दर्शाती है, बल्कि पुलिस की जवाबदेही और निष्पक्षता पर भी सवाल उठाती है। वीडियो में हमलावरों की बेरहमी और पुलिस की कथित लापरवाही ने समाज में आक्रोश पैदा किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसी घटनाओं में पुलिस को तुरंत गंभीर धाराओं के तहत कार्रवाई करनी चाहिए ताकि पीड़ित को न्याय मिले और अपराधियों में कानून का भय बना रहे।
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