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Ghaziabad Crime - मोदीनगर पुलिस ने एक जटिल हत्या के मामले को सुलझाते हुए पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस का कहना है कि आगे की जांच जारी है और जल्द ही इस मामले में कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। यह घटना मोदीनगर में अपराध और नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर भी सवाल खड़े करती है, जिसे लेकर प्रशासन से और सख्त कदम उठाने की मांग उठ रही है।

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Kapil Mehra
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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मोदीनगर हत्याकांड: पुलिस ने सुलझाई सनसनीखेज वारदात की गुत्थी, पांच आरोपी गिरफ्तार

गाजियाबाद के मोदीनगर में एक सनसनीखेज हत्याकांड का खुलासा हुआ है। मोदीनगर पुलिस ने एक जटिल हत्या के मामले को सुलझाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने नशे की हालत में अपने ही साथी की हत्या कर दी और सबूत मिटाने के लिए शव को जलाने की कोशिश भी की। इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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20 मई को दर्ज हुई थी गुमशुदगी

घटना 20 मई 2025 की है, जब सीकरी कला निवासी दुष्यंत कुमार शर्मा ने अपने भाई उमाशंकर उर्फ उदल के लापता होने की सूचना मोदीनगर थाने में दर्ज कराई थी। पुलिस ने शुरुआत में इसे गुमशुदगी का मामला मानकर जांच शुरू की। लेकिन दो दिन बाद, दुष्यंत ने एक और प्रार्थनापत्र देकर सनसनीखेज आरोप लगाया कि उनके भाई की हत्या कर दी गई है और सबूत मिटाने के लिए शव को जलाने की कोशिश भी की गई। इस खुलासे के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल जांच तेज कर दी।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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पुलिस ने दर्ज किया हत्या का मामला

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने एफआईआर संख्या 290/2025 दर्ज की। इस केस में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 191(2) (साक्ष्य मिटाने का प्रयास), 103(1) (हत्या) और 238 (अन्य अपराध) के तहत मामला पंजीकृत किया गया। जांच को और तेज करने के लिए मोदीनगर पुलिस ने विशेष टीम गठित की, जिसका नेतृत्व एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने किया।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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छापेमारी में पांचों आरोपी गिरफ्तार

शुक्रवार, 23 मई 2025 को पुलिस ने ग्राम काजमपुर के जंगल में छापेमारी कर पांचों आरोपियों को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने अपने नाम नीरज सैनी, अजय उर्फ छिद्दा, पंकज सैनी, मनोज सैनी और गौरव सैनी उर्फ कालू बताए। पुलिस ने इनके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया गमछा और पांच लीटर डीजल की एक कैन बरामद की, जिसे शव जलाने के लिए उपयोग करने की योजना थी।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

नशे में हुई हत्या, फिर सबूत मिटाने की साजिश

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि सभी आरोपी और मृतक उमाशंकर एक-दूसरे को पहले से जानते थे और साथ में मजदूरी व फ्लेक्सी का काम करते थे। 27 अप्रैल 2025 को सभी ने एक साथ शराब पी थी। इसी दौरान आपसी विवाद हुआ, जो गाली-गलौज तक पहुंच गया। विवाद इतना बढ़ा कि नाराज होकर पांचों आरोपियों ने मिलकर गमछे से उमाशंकर का गला घोंट दिया। हत्या के दो दिन बाद, सबूत मिटाने की नीयत से उन्होंने शव को जलाने की कोशिश की, लेकिन उनकी यह साजिश नाकाम रही।

आरोपियों का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा

पुलिस के अनुसार, एक आरोपी के खिलाफ पहले से ही एक आपराधिक मामला दर्ज है। बाकी आरोपियों का आपराधिक इतिहास भी खंगाला जा रहा है ताकि उनके पिछले रिकॉर्ड का पता लगाया जा सके। इस मामले में पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच की गहराई की स्थानीय लोग सराहना कर रहे हैं।

पुलिस की तत्परता की हो रही तारीफ

एसीपी ज्ञान प्रकाश राय के नेतृत्व में मोदीनगर पुलिस ने इस जटिल मामले को महज कुछ दिनों में सुलझाकर अपनी कार्यकुशलता का परिचय दिया है। इस खुलासे ने न केवल पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद दी है, बल्कि क्षेत्र में पुलिस की सक्रियता और अपराध के प्रति सख्त रवैये को भी रेखांकित किया है।

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