Advertisment

Ghaziabad- में दुर्गा अष्टमी पर मंदिरों में लगी भीड़: पूजा-अर्चन करते श्रद्धालु

चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन, दुर्गा अष्टमी के अवसर पर गाजियाबाद के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस पवित्र दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, माता महागौरी की पूजा-अर्चना के लिए भक्त सुबह से ही मंदिरों में उमड़ पड़े।

author-image
Kapil Mehra
navratri

गाजियाबाद शहर में चैत्र नवरात्रि पर मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन, दुर्गा अष्टमी के अवसर पर गाजियाबाद के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। इस पवित्र दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप, माता महागौरी की पूजा-अर्चना के लिए भक्त सुबह से ही मंदिरों में उमड़ पड़े। शहर के प्रमुख मंदिरों में भक्ति और उत्साह का अनोखा संगम देखा गया, जहां माता के जयकारों से वातावरण गुंजायमान हो उठा। 

यह भी पढ़ें - मोहन नगर का मोहन मंदिर, एक अनोखा आध्यात्मिक ठिकाना

मंदिरों में भक्तिमय माहौल

दुर्गा अष्टमी के दिन गाजियाबाद के मंदिरों को फूलों, रंग-बिरंगी लाइट्स और मालाओं से भव्य रूप से सजाया गया। सुबह से ही मंदिरों के बाहर लंबी कतारें लगी रहीं, जहां भक्त धैर्य और श्रद्धा के साथ माता के दर्शन की प्रतीक्षा करते नजर आए।

मोहन नगर का दुर्गा मंदिर, वसुंधरा का शक्ति धाम मंदिर, इंदिरापुरम का मां वैष्णो देवी मंदिर और लोनी तिराहे का हनुमान दुर्गा मंदिर जैसे प्रमुख स्थानों पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। मंदिरों में विशेष पूजा, हवन और आरती का आयोजन किया गया, जिसने पूरे माहौल को और भी आध्यात्मिक बना दिया। 

श्रद्धालुओं का जोश और तैयारी

भक्तों ने इस दिन को खास बनाने के लिए पूरी तैयारी की थी। सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद, नए वस्त्र धारण कर और पूजा की थाली सजाकर वे मंदिर पहुंचे। थाली में फूल, नारियल, चुनरी, मिठाई और प्रसाद के साथ भक्तों ने माता को भेंट अर्पित की। कई श्रद्धालुओं ने इस दिन व्रत रखा और मां महागौरी से सुख, शांति और समृद्धि की प्रार्थना की। महिलाएं और बच्चे भी इस उत्सव में पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए, जिससे मंदिर परिसर रौनक से भर गया।

Advertisment

यह भी पढ़ें - मोदीनगर का मोदी मंदिर क्या है, मान्यता और इतिहास

कन्या पूजन की परंपरा

दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। गाजियाबाद में कई घरों और मंदिरों में इस परंपरा को श्रद्धापूर्वक निभाया गया। भक्तों ने 2 से 10 साल की कन्याओं को अपने घर आमंत्रित किया, उन्हें माता का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की, भोजन कराया और उपहार देकर विदा किया। यह रिवाज न केवल धार्मिक आस्था को दर्शाता है, बल्कि सामाजिक एकता और सम्मान को भी बढ़ावा देता है।

वाईबीएन
कन्या भोज कराती बबीता Photograph: (moradabad )

 प्रशासन की व्यवस्था

श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए गाजियाबाद प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा और व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए। मंदिरों के आसपास पुलिस बल तैनात रहा और बैरिकेडिंग के जरिए कतारों को नियंत्रित किया गया। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रखने के लिए विशेष दिशा-निर्देश जारी किए गए। इसके अलावा, कुछ मंदिरों ने ऑनलाइन दर्शन की सुविधा भी उपलब्ध कराई, ताकि दूर-दराज के भक्त भी माता के दर्शन कर सकें।

आस्था का अनूठा संगम

गाजियाबाद में दुर्गा अष्टमी का पर्व श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक बनकर उभरा। मंदिरों में लगी भीड़ और पूजा-अर्चन करते श्रद्धालु दिखे।

Advertisment

यह संकेत हैं कि मां दुर्गा के प्रति लोगों की आस्था आज भी उतनी ही मजबूत है जितनी सदियों पहले थी। यह पर्व न केवल धार्मिक उत्सव है, बल्कि सामाजिक एकता और सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए रखता है। माता महागौरी सभी भक्तों के जीवन में शांति, समृद्धि और खुशहाली लाएं, यही इस पावन अवसर पर कामना है। 

यह भी पढ़ें - डासना देवी मंदिर में होगा 21 दिवसीय शिवशक्ति महोत्सव

Navratri | chaitra navratri 2025 | Navratri 2025 | shardiya navratri 2025 

shardiya navratri 2025 Navratri 2025 chaitra navratri 2025 Navratri
Advertisment
Advertisment