गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में तैनात राज्य कर उपायुक्त संजय सिंह द्वारा एक टावर की 14वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या से पूरे प्रदेश के राज्य कर विभाग में आक्रोश फूट पड़ा है।
क्या उच्चाधिकारियों से प्रताड़ित थे संजय ?
कैंसर से जंग जीतकर लौटे संजय सिंह ने कई जिम्मेदारियों में से कुछ बोझ कम करने का अनुरोध अपने वरिष्ठ अधिकारियों से किया था। उनकी मौत के बाद पूर प्रदेश के राज्य कर अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों के होली मिलन का बहिष्कार कर दिया है।
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होली के बाद देंगे श्रद्धांजलि
साथ ही होली के बाद मास कैजुअल लीव ( सामूहिक अवकाश) पर जाने का एलान किया है। मंगलवार को प्रदेश के सभी जोन में संजय सिंह के लिए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है, जिसमें बड़े कदम उठाने की घोषणा की जा सकती है।
क्या टारगेट बना आत्महत्या की वजह
गाजियाबाद में तैनात संजय सिंह की सुप्रीम कोर्ट में पोस्टिंग थी। उनके पास गाजियाबाद खंड दो का भी चार्ज था। खंड में तैनात अन्य अधिकारियों की तरह उन्हें भी एमनेस्टी योजना के तहत प्रति दिन पांच केस फाइल करने का लक्ष्य दिया गया था। सोमवार सुबह सवा नौ बजे नोएडा के एपेक्स एमनेस्टी टावर की 14वीं मंजिल से गिरने से मौत की खबर फैल गई।
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काली पट्टी बांध कर करने काम
संजय सिंह के निधन पर मंगलवार को सभी जोनों पर 11 बजे श्रद्धांजलि सभा आयोजित करने के साथ काली पट्टी बांधकर काम करने का फैसला लिया गया। बैठक में कहा गया कि एमनेस्टी स्कीम जो व्यापारी के लिए स्वैच्छिक है।
शासन का है दबाव
शासन की हठधर्मिता के चलते मनमाने तरीके से प्रतिदिन पांच केस प्रति अधिकारी दाखिल करने, एसआईबी रिपोर्ट 22 मार्च तक भेजने, समयबद्ध केस समय से पहले करने,10 अपील प्रतिदिन निस्तारित करने,अवकाश के दिनों में कार्यालय खोलने का दबाव बनाया जा रहा है।
ऐसा न करने पर सभी अधिकारियों को निलंबित करने का प्रस्ताव मांगा जा रहा है। उत्तर प्रदेश अधिकारी सेवा संघ ने निर्देशों का विरोध करने का ऐलान किया। संघ ने अपने सभी सदस्यों से विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ सामूहिक होली मिलन के कार्यक्रम का बहिष्कार किया जाएगा।
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