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Ghaziabad News- ममता के पुतला दहन के बाद सचिन की गिरफ्तारी, यति का अनशन

सचिन सिरोही ने ममता बनर्जी द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई टिप्पणी से नाराज होकर मेरठ के कमिश्नरी चौराहे पर उनका पुतला दहन करने का ऐलान किया था। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए

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Kapil Mehra
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File photo (यति नरसिंहानंद सरस्वती)

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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उत्तर प्रदेश गाजियाबाद से मेरठ तक एक बार फिर सियासी और धार्मिक तनाव का माहौल गरमा गया है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुतला फूंकने के मामले में अखिल भारतीय हिंदू सुरक्षा संगठन के अध्यक्ष सचिन सिरोही को मेरठ पुलिस ने हिरासत में लिया है।

इस गिरफ्तारी के विरोध में शिवशक्ति धाम डासना के पीठाधीश्वर और श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने म ironclad decision लिया है कि वे मेरठ के एसएसपी आवास पर सचिन सिरोही की रिहाई के लिए आमरण अनशन पर बैठेंगे। इस घटना ने योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली उत्तर प्रदेश सरकार के पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं, खासकर हिंदुओं के विरोध प्रदर्शन के अधिकार को लेकर।क्या है पूरा मामला?

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पुतला दहन का किया था आव्हान 

सचिन सिरोही ने ममता बनर्जी द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ की गई टिप्पणी से नाराज होकर मेरठ के कमिश्नरी चौराहे पर उनका पुतला दहन करने का ऐलान किया था। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सिरोही को सिविल लाइन थाने ले जाकर हिरासत में लिया। पुलिस ने उनके खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने और शांति भंग करने जैसी धाराओं में मामला दर्ज किया है।

यति नरसिंहानंद का कड़ा रुख

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सचिन सिरोही की गिरफ्तारी से नाराज गाजियाबाद के संत यति नरसिंहानंद गिरी ने इसे हिंदुओं के अभिव्यक्ति और विरोध के अधिकार पर हमला करार दिया है। उन्होंने ऐलान किया कि वे सिरोही की रिहाई तक मेरठ के एसएसपी आवास पर आमरण अनशन करेंगे। यति नरसिंहानंद पहले भी विवादास्पद बयानों और हिंदूवादी मुद्दों पर मुखर रहे हैं। उन्होंने 2023 में भी मेरठ में सिरोही के समर्थन में पुलिस कार्रवाई की आलोचना की थी, जिसमें उन्होंने योगी सरकार के कुछ अधिकारियों पर हिंदू हितों की अनदेखी का आरोप लगाया था।पुलिस का पक्ष और कानून व्यवस्था।

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मेरठ पुलिस का कहना है कि सचिन सिरोही की कार्रवाई सार्वजनिक शांति को भंग करने और धार्मिक उन्माद फैलाने की कोशिश के तहत थी। मेरठ के एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों से माहौल खराब करने की साजिश को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पुलिस ने पहले भी सिरोही के खिलाफ मस्जिद में तोड़फोड़ और भड़काऊ नारे लगाने के आरोप में FIR दर्ज की थी, जिसके बाद उन्हें हाउस अरेस्ट भी किया गया था।हिंदुओं के अधिकार पर बहस

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सचिन सिरोही की गिरफ्तारी ने उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के तथाकथित "पुलिस राज" पर सवाल उठाए हैं। हिंदूवादी संगठनों का दावा है कि ममता बनर्जी के खिलाफ पुतला दहन जैसे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन को दबाया जा रहा है, जो लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है। दूसरी ओर, योगी सरकार का दावा है कि प्रदेश में कानून व्यवस्था सर्वोपरि है और 2017 के बाद दंगों में कमी आई है।

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