गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद के विजय नगर थाना क्षेत्र में बसा शीतला माता मंदिर, जहां भक्तों की आस्था का केंद्र है, अब चोरों के निशाने पर आ गया है। बीती रात, शिवपुरी चौड़ा खड़ंजा स्थित इस मंदिर में चोरों ने ऐसा तांडव मचाया कि न केवल मंदिर का दानपात्र खाली कर दिया, बल्कि पुजारी तुलसीदास के कमरे का ताला तोड़कर 22 हज़ार रुपये भी उड़ा ले गए। यह घटना न सिर्फ श्रद्धालुओं के लिए झटका है, बल्कि इलाके की सुरक्षा व्यवस्था पर भी सवाल खड़े करती है।
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क्या हुआ उस रात?
रात के सन्नाटे में चोरों ने मंदिर को अपना निशाना बनाया। पुजारी तुलसीदास, जो मंदिर परिसर में ही रहते हैं, को भनक तक नहीं लगी। चोरों ने पहले दानपात्र पर हाथ साफ किया और फिर पुजारी के कमरे का ताला तोड़कर वहां रखे 22 हज़ार रुपये चुरा लिए। सुबह जब पुजारी की नींद खुली, तो उनके होश उड़ गए। मंदिर का दानपात्र खाली था और कमरे का ताला टूटा पड़ा था।
सीसीटीवी का अभाव, चोरों का बुलंद हौसला
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इस घटना ने एक बार फिर इलाके में सुरक्षा के लचर इंतजामों को उजागर किया है। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्र में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं है। अगर कैमरे होते, तो शायद चोरों की करतूत रिकॉर्ड हो सकती थी और पुलिस को सुराग मिल सकता था। लेकिन अब पुलिस के पास सिर्फ पुजारी की शिकायत और मौके का मुआयना ही आधार है।पुलिस की कार्रवाई शुरू, लेकिन क्या होगा नतीजा?
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पुजारी तुलसीदास ने तुरंत 112 पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी। विजय नगर थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने आसपास के लोगों से पूछताछ की और कुछ संदिग्ध बिंदुओं पर काम शुरू किया है। लेकिन बिना सीसीटीवी फुटेज और ठोस सबूतों के यह जांच कितनी आगे बढ़ पाएगी, यह सवाल हर किसी के मन में है।
आस्था पर चोट, इलाके में दहशत
शीतला माता मंदिर स्थानीय लोगों के लिए आस्था का बड़ा केंद्र है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग दर्शन के लिए आते हैं। लेकिन इस चोरी ने न सिर्फ मंदिर की पवित्रता को ठेस पहुंचाई, बल्कि आसपास के लोगों में भी डर पैदा कर दिया है। लोग अब सवाल उठा रहे हैं कि जब मंदिर जैसी जगह सुरक्षित नहीं, तो आम घरों का क्या होगा?क्या है हटकर इस घटना में?
यह चोरी सिर्फ पैसे और दानपात्र की कहानी नहीं है। यह उस बेफिक्री की कहानी है, जो हमारे समाज में पनप रही है। मंदिर, जो सदियों से आस्था और विश्वास का प्रतीक रहा है, आज चोरों के निशाने पर है। और सबसे हैरानी की बात? चोरों का यह दुस्साहस तब हुआ, जब मंदिर में पुजारी मौजूद थे। यह दिखाता है कि चोर कितने बेखौफ हो चुके हैं।
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आगे क्या?
इस घटना के बाद मंदिर समिति और स्थानीय लोग अब सीसीटीवी कैमरे लगाने और सुरक्षा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। कुछ लोग तो मंदिर में रात के समय चौकीदार रखने की बात भी कह रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या यह कदम पहले नहीं उठाए जा सकते थे? क्या एक मंदिर को सुरक्षित रखने के लिए इतनी बड़ी घटना का इंतजार करना जरूरी था?
पुलिस ने भरोसा दिया है कि चोर जल्द पकड़े जाएंगे, लेकिन तब तक श्रद्धालुओं का विश्वास और मंदिर की शांति पर लगा यह दाग शायद आसानी से न मिटे। यह घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि आस्था के केंद्रों को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी आखिर है किसकी?
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