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Ghaziabad News -डीएम दीपक मीणा की अनूठी पहल, दुखद घटनाओं के बीच उम्मीद की किरण

डीएम दीपक मीणा की यह पहल गाजियाबाद में प्रशासनिक सक्रियता की एक नई मिसाल कायम कर रही है। उनकी यह सोच कि "राहत के साथ सुधार" जरूरी है, न केवल पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि पूरे शहर के लिए एक प्रेरणा भी है

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Kapil Mehra
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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जिले में बुधवार को तेज आंधी व ओलावृष्टि के बाद हुई दो दुखद मौतों ने न केवल स्थानीय लोगों को झकझोर कर रख दिया, बल्कि प्रशासन को भी त्वरित और मानवीय कदम उठाने के लिए प्रेरित किया। जिलाधिकारी (डीएम) दीपक मीणा ने इन घटनाओं पर तुरंत संज्ञान लेते हुए एक अनोखी पहल की शुरुआत की, जो न सिर्फ पीड़ित परिवारों के लिए राहत का सबब बनेगी, बल्कि शहर की चरमराई व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने की दिशा में भी एक नया अध्याय लिखेगी।

जानकारी के अनुसार, बुधवार को जिले में दो लोगों की मृत्यु की खबर सामने आई। मृतकों में खोड़ा की एक महिला और एक अन्य व्यक्ति शामिल हैं। इसके अलावा, कुछ लोग घायल भी हुए हैं। डीएम दीपक मीणा ने इस दुखद घटना पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि मृतकों के परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएंगे। लेकिन उनकी पहल यहीं नहीं रुकी। उन्होंने शहर की उन कमियों को ठीक करने का बीड़ा उठाया, जो ऐसी घटनाओं को जन्म देती हैं।

DM का ऐलान

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डीएम दीपक मीणा ने इस मौके पर एक नई सोच के साथ काम करने का ऐलान किया। उन्होंने कहा, "आर्थिक सहायता एक तात्कालिक राहत है, लेकिन असल बदलाव तब आएगा जब हम व्यवस्था की जड़ों को मजबूत करेंगे।" उनकी इस सोच के तहत, जिले में सड़क सुरक्षा, जलभराव, बिजली आपूर्ति और आपातकालीन सेवाओं को बेहतर करने के लिए एक विशेष कार्ययोजना तैयार की जा रही है।उन्होंने खोड़ा जैसे क्षेत्रों में विशेष ध्यान देने की बात कही, जहां बुनियादी सुविधाओं की कमी अक्सर ऐसी दुर्घटनाओं का कारण बनती है।

डीएम ने स्थानीय निकायों, पुलिस और अन्य विभागों को एकजुट होकर काम करने का निर्देश दिया। उनकी इस पहल में "स्मार्ट सिटी, सुरक्षित सिटी" का नारा जोड़ा गया है, जिसके तहत तकनीक और सामुदायिक सहयोग से शहर को और सुरक्षित बनाने की कोशिश की जाएगी।

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार

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जनता से सीधा संवाद

डीएम दीपक मीणा ने इस दुखद घटना को एक सबक के रूप में लिया और जनता के साथ सीधा संवाद स्थापित करने का फैसला किया। उन्होंने ऐलान किया कि हर महीने "जन सुरक्षा संवाद" सभाएं आयोजित की जाएंगी, जहां लोग अपनी समस्याएं और सुझाव सीधे प्रशासन तक पहुंचा सकेंगे। इसके अलावा, खोड़ा जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष राहत शिविर लगाए जाएंगे, जहां न केवल आर्थिक सहायता दी जाएगी, बल्कि लोगों को जागरूक करने के लिए कार्यशालाएं भी आयोजित होंगी।

मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता 

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मृतकों के परिवारों को तत्काल आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए डीएम ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि राहत राशि जल्द से जल्द प्रभावित परिवारों तक पहुंचे। साथ ही, घायलों के इलाज के लिए नजदीकी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था की गई है। लेकिन दीपक मीणा की दूरदर्शिता सिर्फ आर्थिक मदद तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। इसके लिए हमें सड़कों, बिजली, पानी और आपातकालीन सेवाओं को दुरुस्त करना होगा।"

डीएम दीपक मीणा की यह पहल गाजियाबाद में प्रशासनिक सक्रियता की एक नई मिसाल कायम कर रही है। उनकी यह सोच कि "राहत के साथ सुधार" जरूरी है, न केवल पीड़ित परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है, बल्कि पूरे शहर के लिए एक प्रेरणा भी है। स्थानीय लोगों ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि अगर प्रशासन इसी तरह जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करेगा, तो गाजियाबाद जल्द ही एक सुरक्षित और समृद्ध शहर के रूप में अपनी पहचान बनाएगा।

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