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गाजियाबाद के नवनिुक्त पुलिस कमिश्नर जे० रविंदर गौड ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू और जनता के लिए सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। आज पुलिस लाइन में आयोजित एक विशेष बैठक में उन्होंने ट्रैफिक पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ शहर की यातायात समस्याओं पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान पुलिस कमिश्नर ने एक नया आदेश जारी करते हुए ट्रैफिक सिग्नल या चौराहों पर ट्रैफिक हेड कांस्टेबल द्वारा काटे जाने वाले चालानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की घोषणा की। यह फैसला शहरवासियों के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।
बैठक में ट्रैफिक सुधार पर जोर
पुलिस कमिश्नर जय रविंदर गौड ने बैठक में ट्रैफिक पुलिस को निर्देश दिए कि यातायात व्यवस्था को सुधारने के लिए तकनीक और बेहतर प्रबंधन पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि गाजियाबाद जैसे व्यस्त शहर में ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था आम जनता के लिए बड़ी समस्या है। इसे दूर करने के लिए पुलिस को सख्ती के साथ-साथ सहानुभूति और जन-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाना होगा। बैठक में ट्रैफिक सिग्नलों के समय प्रबंधन, भीड़-भाड़ वाले चौराहों पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती, और सीसीटीवी कैमरों के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया।
चौराहों पर चालान बंद: जनता को राहत
पुलिस कमिश्नर ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि अब ट्रैफिक सिग्नल या चौराहों पर हेड कांस्टेबल द्वारा चालान काटने की प्रक्रिया को पूरी तरह बंद किया जाएगा। इसके बजाय ट्रैफिक सब- इंस्पेक्टर या उस से ऊपर के अधिकारी ही ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चालान की प्रक्रिया को अमल में ला सकते है।
इस कदम का उद्देश्य ट्रैफिक पुलिस और जनता के बीच अनावश्यक टकराव को कम करना और पारदर्शी व्यवस्था को बढ़ावा देना है। पुलिस कमिश्नर ने कहा, हमारा मकसद जनता को परेशान करना नहीं, बल्कि सुरक्षित और सुगम यातायात सुनिश्चित करना है।
क्यों लिया गया यह फैसला?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, शहर के हर चौराहों पर चालान काटने की प्रक्रिया में कई शिकायतें सामने आ रही थीं, जिनमें अनावश्यक चालान, रिश्वतखोरी, और जनता के साथ अभद्र व्यवहार की बातें शामिल थीं। इन शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए पुलिस कमिश्नर ने यह निर्णय लिया।
जनता और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
शहरवासियों ने इस फैसले का स्वागत किया है। स्थानीय निवासी राहुल शर्मा ने कहा, "चौराहों पर चालान के डर से लोग परेशान रहते थे। यह फैसला हमारी जिंदगी को आसान बनाएगा।" ट्रैफिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम ट्रैफिक प्रबंधन को और अधिक तकनीक-आधारित और पारदर्शी बनाएगा, लेकिन इसके लिए सीसीटीवी और इलेक्ट्रॉनिक चालान प्रणाली की संख्या और कार्यक्षमता को बढ़ाने की जरूरत है।
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