गाजियाबाद, वाईबीएन संवादाता।
साप्ताहिक पैठ बाजारों पर लगे प्रतिबंधों पर जहां एक तरफ शहर में स्वागत हो रहा है वही एक तरफ मौजूदा सत्ता विधायक ने अपने ही सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जहां लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने प्रशासन को दो दिन का समय दिया है।
व्यापारी वर्ग इसका विरोध कर रहा है।
हमने कुछ दिन पूर्व शहर के गंदा नाला क्षेत्र में लगने वाले अवैध पैठ बाजार की खबर को प्रकाशित करा था जिसे पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद ने संज्ञान लेते हुए जिले में लग रहे अवैध पैठ बाजारों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
आपको बता दे गंदा नाला क्षेत्र में लगने वाले अवैध पैठ बाजार के विरुद्ध नई बस्ती में पुरानी बस्ती के निवासी व व्यापारी एकत्रित हो गए थे और शासन को आंदोलन की चेतावनी दी थी।
आंदोलन की अगुवाई कर रहे व्यापारी पूर्व पार्षद प्रत्याशी अरुण मित्तल ने बताया कि यदि शासन ने गंदे नाले पर लगने वाले अवैध बाजार पर कार्रवाई नहीं करी और आदेश वापस लिया तो गंदा नाला क्षेत्र के निवासी व व्यापारी धरने पर बैठेंगे बाजार का पुरजोर विरोध करेंगे।
बाजार से होती है समस्या
अरुण मित्तल ने बताया अवैध बाजार की वजह से व्यापारियों के व्यापार पर असर पड़ रहा है दूसरे शहरों से आने वाले पटरी वाले पुराना व सस्ता माल शहर में बेचते हैं अरुण मित्तल ने यह भी बताया कि हम व्यापारी दुकान पर बैठकर जीएसटी के बल के साथ काम करते हैं जिससे राजस्व में बढ़ोतरी मिलती है लेकिन अवैध बाजार लगाने वाले इस तरह की कोई भी लोग का इस्तेमाल नहीं करते पुराने में घटिया सामान को सस्ते दामों में बेचते हैं जिससे राजस्व का भी नुकसान होता है।
क्या विधायक हमारे लिए भी आएंगे ?
जिस प्रकार नंदकिशोर गुर्जर तेली पटरी वालों के समर्थन में उतारे है क्या कोई विधायक नेता हम व्यापारियों के लिए भी खड़ा होगा क्या हम व्यापार नहीं कर रहे हैं क्या हमारा परिवार नहीं है हर कोई ठेली पटरी वालों को लेकर राजनीति कर रहा है पर वर्षों से बाजार में बैठे व्यापारी की सुध लेने वाला कोई नहीं है।
धरना प्रदर्शन करेंगे
अगर प्रशासन ने माननीय विधायक के दबाव में फैसला वापस लिया और गंदा नाला क्षेत्र में बाजार लगाने की अनुमति दी तो समस्त व्यापारी समाज गंधराला क्षेत्र में रहने वाले निवासी इसका पुरजोर विरोध करेंगे और धरना प्रदर्शन करेंगे।
आपको बता दे भारतीय जनता पार्टी के लोनी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने कल नवयुग मार्केट से लेकर डीएम कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला था जहां उन्होंने अपने पैर के जूते को त्याग दिया था और प्रण लिया था कि जब तक शासन का आदेश वापस नहीं होगा वह खाना नहीं खाएंगे।
आज देखने वाली बात यह है कि शहर में चीफ सेक्रेटरी का आगमन है क्या चीफ सेक्रेटरी इस समस्या का समाधान निकाल पाएंगे क्या चीफ सेक्रेटरी पर जो आप बीजेपी विधायक लग रहे हैं उसका जवाब वह दे पाएंगे या यह बाजार की राजनीति इसी तरह चलती रहेगी।