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Good Work - गाजियाबाद में शराबियों पर पुलिस का हंटर: 3 घंटे में 528 पकड़े

गाजियाबाद पुलिस की इस हटकर मुहिम ने न केवल शराबियों को सबक सिखाया, बल्कि आम नागरिकों में भी सुरक्षा का भरोसा जगाया। लेकिन यह कहानी सिर्फ पुलिस की कार्रवाई तक सीमित नहीं है।

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Kapil Mehra
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद की सड़कों पर अब शराब का जाम छलकाना आसान नहीं रहा। गाजियाबाद पुलिस ने सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वालों के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। हाल ही में एक विशेष अभियान के तहत महज 3 घंटे में 528 लोगों को धर दबोचा गया। यह कार्रवाई शहर की शांति और आम नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए की गई।

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हैरानी की बात यह है कि जनवरी से मार्च 2025 तक पुलिस 50,000 से अधिक शराबियों पर कार्रवाई कर चुकी है। यह आंकड़ा न केवल पुलिस की सख्ती को दर्शाता है, बल्कि शहर में बढ़ती शराबखोरी की समस्या पर भी सवाल उठाता है। आइए, इस अनोखी मुहिम की कहानी को बिल्कुल हटकर अंदाज में जानते हैं। 

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सड़क पर जाम, लेकिन शराब का नहीं!

शाम ढलते ही गाजियाबाद की सड़कों, शराब ठेकों के आसपास और गाड़ियों में बैठकर जाम छलकाने वालों की भीड़ बढ़ने लगती थी। राहगीरों, खासकर महिलाओं और बच्चों को इससे होने वाली परेशानी की शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही थीं। सड़क पर शराब पीकर हुड़दंग मचाने वाले, गाली-गलौज करने वाले और शांति भंग करने वाले लोग आम लोगों के लिए मुसीबत बन गए थे। गाजियाबाद पुलिस ने ठान लिया कि अब इस "जाम" को जड़ से उखाड़ फेंकना है।

पुलिस कमिश्नरेट के तीनों जोन,शहर, देहात और ट्रांस हिंडन में एक साथ शुरू हुआ यह अभियान किसी बॉलीवुड एक्शन फिल्म से कम नहीं था। डीसीपी सिटी राजेश कुमार, डीसीपी रूरल सुरेंद्र नाथ तिवारी और डीसीपी ट्रांस हिंडन निमिष पाटिल की अगुवाई में पुलिस टीमें सड़कों पर उतरीं। शराब ठेकों के पास, सड़क किनारे गाड़ियों में, और सार्वजनिक स्थानों पर नजर रखी गई। नतीजा? सिर्फ 3 घंटे में 528 लोग पकड़े गए, जिनमें युवा से लेकर बुजुर्ग तक शामिल थे।

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"पकड़े गए, रोए, गिड़गिडाए, लेकिन छूटे नहीं"

पुलिस की इस कार्रवाई के दौरान कई दिलचस्प वाकये भी सामने आए। एक युवक, जो नवयुग मार्केट के पास शराब ठेके पर जाम छलका रहा था, पुलिस को देखते ही गिड़गिड़ाने लगा। उसने बताया कि उसका रिश्ता हाल ही में तय हुआ है और उसने अपनी मंगेतर को वादा किया था कि वह शराब को हाथ भी नहीं लगाता। "साहब, रिश्ता टूट जाएगा, छोड़ दो!" उसकी गुहार थी, लेकिन पुलिस ने नियमों का पालन करते हुए उसका चालान कर दिया।

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इसी तरह, क्रॉसिंग रिपब्लिक में एक बीटेक छात्र को शाहबेरी रोड पर शराब पीते पकड़ा गया। उसने पुलिस से रोते हुए कहा, "पापा को मत बताइए, घर में एंट्री बंद हो जाएगी।" लेकिन पुलिस ने बिना किसी रियायत के उसका मेडिकल करवाकर धारा 34 पुलिस एक्ट के तहत कार्रवाई की। कुछ लोग तो पुलिस के सामने रौब झाड़ने की कोशिश में भी लगे, लेकिन गाजियाबाद पुलिस के आगे उनकी एक न चली।

जनवरी से मार्च: 50 हज़ार से ज्यादा शराबियों पर शिकंजा 

गाजियाबाद पुलिस की यह मुहिम कोई नई बात नहीं है। जनवरी 2025 से शुरू हुए इस विशेष अभियान में अब तक 50,000 से अधिक लोगों पर कार्रवाई हो चुकी है। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने बताया कि इस अभियान का मकसद न केवल शराबखोरी पर लगाम लगाना है, बल्कि अपराध और सड़क दुर्घटनाओं को भी कम करना है। आंकड़ों के मुताबिक, इस अभियान के चलते हत्या और गैर-इरादतन हत्या जैसे अपराधों में 50% तक की कमी आई है।

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सिटी जोन में सबसे ज्यादा कार्रवाई देखने को मिली, जहां कोतवाली घंटाघर, विजयनगर, नंदग्राम और कविनगर जैसे इलाकों में सैकड़ों लोग पकड़े गए। देहात जोन में लोनी, मुरादनगर और मोदीनगर में भी शराबियों की धरपकड़ हुई। ट्रांस हिंडन जोन में इंदिरापुरम, साहिबाबाद और खोड़ा जैसे इलाकों में पुलिस ने शराब ठेकों के आसपास सख्ती बरती। पकड़े गए लोगों का मेडिकल परीक्षण करवाकर धारा 34 पुलिस एक्ट के तहत चालान किया गया।

क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?

सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने की आदत न केवल सामाजिक माहौल को खराब करती है, बल्कि अपराध और दुर्घटनाओं को भी बढ़ावा देती है। स्थानीय लोगों की शिकायत थी कि कुछ लोग सड़कों पर, कारों में, ई-रिक्शा या बाइकों पर बैठकर शराब पीते हैं, जिससे महिलाएं और बच्चे असहज महसूस करते हैं। कई बार नशे में हुड़दंग और मारपीट की घटनाएं भी सामने आईं। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने कहा, सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने वाले लोग आम लोगों के लिए असहजता का कारण बनते हैं। हमारा मकसद शहर को सुरक्षित और शांतिपूर्ण बनाना है।

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