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क्रिकेट में सट्टेबाजी
भारत-इंग्लैंड क्रिकेट सीरीज को लेकर गाजियाबाद में सट्टेबाजी का एक बड़ा रैकेट सक्रिय हो गया है। जिसमें दिल्ली गेट से लेकर इंदिरापुरम तक के सट्टेबाजों और बुकीज का एक जाल फैला है। ये जानकारी न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे दिल्ली- एनसीआर में चर्चा का विषय बनी है।
मैच के दौरान कुछ बुकीज ने करोड़ों रुपये का सट्टा लगवाया और इस गैरकानूनी धंधे में युवाओं और बुजुर्गों को शामिल किया। हालाकि कोई इसकी अधिकारिक तौर पर पुष्टि को तैयार नहीं है। मगर, पुलिस का कहना है कि हम अलर्ट पर हैं। ऐसी कोई भी पुष्टि होती है, तो सख्त से सख्त एक्शन लिया जाएगा।
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उन्नत तकनीक का होता हैं व्यापक इस्तेमाल
क्रिकेट मैच के सट्टे का बाजार हमेशा ही गर्म रहता है, और जब भारत और इंग्लैंड जैसे बड़े टीमें आमने-सामने होती हैं, तो सट्टा और भी ज्यादा तेज हो जाता है। गाजियाबाद में सट्टे की गतिविधियों ने एक बड़ी नेटवर्क का रूप ले लिया है, जिसमें बुकीज ने मोबाइल एप्लिकेशन्स और इंटरनेट के माध्यम से सट्टा लगवाने का तरीका अपनाया। वहीं, पुराने तरीके से लोग सट्टे के लिए पेंटर (बीटे हुए नंबर पर सट्टा लगाने वाले) और अन्य सट्टेबाजों से संपर्क करते थे।
पॉश एरिया में चलता है धड़ल्ले से अवैध खेल
सूत्रों की माने तो गांधीनगर, राज नगर एक्सटेंशन, क्रॉसिंग रिपब्लिक,दिल्ली गेट, इंदिरापुरम और अन्य प्रमुख स्थानों पर कुछ गुप्त स्थलों पर यह सट्टेबाजी होती है । कई बार स्थानीय पुलिस को जब इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने कई सट्टेबाजों को गिरफ्तार किया, लेकिन यह साफ हुआ कि यह रैकेट बहुत बड़ा था और इसके तार गाजियाबाद से बाहर अन्य शहरों तक भी जुड़े हुए थे।
गिरफ्तार सट्टेबाजों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आईं थी, जिससे यह प्रमाणित हुआ कि क्रिकेट मैच पर सट्टेबाजी का कारोबार अब एक संगठित अपराध बन चुका है।
Ghaziabad- भाग दौड़ भरी दिल्ली एनसीआर की जीवनचार्य में से स्वस्थ जीवन अब गायब सा हो गया है।अगर रहना है स्वस्थ तो खाएं भीगे हुए अखरोट।
लाला और गौरव नामक व्यक्ति है कर्ताधर्ता
इस रैकेट में अक्सर लाला और गौरव का नाम सामने आया है गौरव को पुलिस दो बार सत्यवादी के आरोप में जेल भी भेज चुकी है। इस रैकेट में शामिल लोग सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का भी उपयोग करते थे, जहां वे क्रिकेट के आंकड़ों और मैच की स्थिति के आधार पर सट्टा लगवाते थे।
इन बुकीज का नेटवर्क इतना व्यापक था कि लोग अपने घरों से भी सट्टा लगवा सकते है, जिससे यह गतिविधि और भी छिपी हुई रही।
हालांकि, पुलिस ने इस पर कार्रवाई तेज कर दी और कई मुख्य आरोपियों को पकड़ लिया, लेकिन यह सवाल उठता है कि क्या इस सट्टेबाजी की समस्या का कोई स्थायी समाधान होगा। इसके लिए समाज और सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है, ताकि इस तरह के अपराधों पर काबू पाया जा सके और क्रिकेट जैसे खेल का आनंद सभी लोग बिना किसी धोखाधड़ी के उठा सकें।
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गाजियाबाद में यह घटना न केवल क्रिकेट के प्रति प्रेम को नकारात्मक दिशा देती है, बल्कि यह भी साबित करती है कि किस तरह से अवैध सट्टेबाजी के जरिए कुछ लोग आसानी से पैसे कमाने की कोशिश करते हैं।
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