गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता।
गाजियाबाद न्यायालय में भी अब तकनीकी रूप से काम शुरू हो गया है जिसमें अदालत को डिजिटल इंडिया से जोड़ने की महिम चल रही है इसके अंतर्गत अब अदालत से ऑनलाइन वारंट जारी होने लगे हैं यानी कि अब अदालत में किसी अपराधी या गवाह को मुकदमे की कार्रवाई में शामिल होने या उपस्थित होने के लिए अब परोपकार के चक्कर नहीं काटने होंगे।
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रोजाना अपलोड किए जाएंगे समन वारंट
यह संबंध में कोर्ट प्रबंधक मनोज मिश्रा ने बताया कि अदालत रोजाना अपने सॉफ्टवेयर पर सामान वारंट अपलोड करेगी। अपलोड होते ही पल भर में यह दस्तावेज पुलिस को मिल जाएंगे खास बात यह है कि ऑनलाइन व्यवस्था केवल उन सभी लोगों के लिए है जो ईमेल व्हाट्सएप का इस्तेमाल करते हैं।
जटिल है समन-वारंट तामील की प्रक्रिया
वर्तमान समय में समान वारंट तामील करने की प्रक्रिया बेहद जटिल है इसमें काफी समय लगता है लेकिन सारा काम ऑनलाइन होने से अदालतों का काम भी आसान होगा और पुलिस का भी। इसके साथ ही संबंधित व्यक्ति के लिए भी प्रक्रिया सरल होगी नए नियमों के लागू होने से अदालत के फैसले जल्दी हो सकेंगे और तमिल ना होने की शिकायतें कम होगी।
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नहीं काटने होंगे पुलिस और थाने के चक्कर
सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रक्रिया से पक्षकार कोई बहाने बाजी नहीं बना सकेंगे साथ ही पीड़ित पक्ष को पुलिस थाने के चक्कर में ही काटने होंगे क्योंकि पुलिस की सीधी जवाब देही ऑनलाइन अदालत को होगी जहां अदालत के सामने पुलिस कोई बहाना नहीं बन पाएगी कि समन तामील नहीं हुई या जिसको समन या वारंट जाना था वह वह और उसके घर वाले उपलब्ध नहीं थे।
चार जिलों से हुई शुरुआत
ऑनलाइन प्रक्रिया की चार जिलों से शुरुआत की गई है और तीन जिले पश्चिम उत्तर प्रदेश के हैं जिनमें गाजियाबाद के अलावा शामली लखनऊ और मेरठ शामिल है। कुल मिलाकर अदालत से ऑनलाइन जारी होने वाले वारंट कहीं ना कहीं अदालती मामलों में बेहद सहायक साबित होंगे।
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