गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।
सोमवार को एक एफआईआर पुलिस कमिश्नरेट के सिटी जोन के थाना मधुबन बापूधाम में दर्ज हुई। रिपोर्ट दर्ज कराई जीडीए के एक अवर अभियंता ने। आरोप है कि तीन लोगों नें अवैध तरीके से कॉलोनी को न सिर्फ विकसित किया बल्कि उस पर बने प्लॉट्स को बेचना भी शुरू कर दिया। दो बार जीडीए ने बुल्डोजर एक्शन भी लिया। मगर, उसके बाद अनदेखी होने लगी।
दो साल किसी ने उस तरफ ध्यान नहीं दिया और कॉलोनी फिर से न सिर्फ खड़ी हो गई बल्कि और भी कई तरह के अवैध निर्माण पहले से ज्यादा करा दिए गए। इस वक्त जिले में चल रही कड़ी कार्रवाई के दौरान निचले अफसरों को दो साल बाद होश आया तो इस बाबत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
ये है मामला
मधुबन बापूधाम जीडीए का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिस पर अफसर सालों से काम कर रहे हैं। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत आने वाले गांव सदरपुर के मटियाला रोड पर जनहित इंस्टीटयूट के सामने 2022 में कुछ लोगों ने अवैध निर्माण कर लिया था। इसकी शिकायत होने पर 18 जनवरी 2023 और 17 फरवरी 2023 को अवैध निर्माण ध्वस्त किया गया।
जीडीए की इस कार्रवाई को करने के बाद अफसर और कर्मचारियों ने इस ओर जान-बूझकर या अनजाने में ध्यान ही नहीं दिया। नतीजा ये रहा कि दोबारा अवैध निर्माण पहले से ज्यादा हो गया। हाल ही में दोबारा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में आया तो प्रकरण में एक्शन हुआ और अवैध निर्माण पर बुल्डोजर एक्शन किया गया। लेकिन ये क्या कुछ दिन बीते कि फिर निर्माण शुरू हो गया।
दुस्साहस: दो हफ्तों में ही फिर अवैध निर्माण
जीडीए वीसी ने अपने स्तर पर जब गिराए गए अवैध निर्माण की जांच कराई तो पता चला कि महज दो हफ्ते में ही दोबारा आरोपियों ने अवैध निर्माण शुरू करा दिया। इस बात का खुलासा होने पर दोबारा टीम को मौके की पड़ताल के लिए भेजा गया तो पता चला कि मटियाला गांव के उसी प्लाट पर दोबारा निर्माण भी चल रहा है और लोगों को बिक्री के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
दर्ज कराई गई FIR
जीडीए वीसी के निर्देश पर मामले में मधुबन-बापूधाम थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। प्रवर्तन जोन तीन के अवर अभियंता राजेंद्र सिंह की तरफ से इस मामले में केस रजिस्टर्ड कराया गया है। इसमें मौहम्मद आबिद, अतीक और इंद्रपाल को नामजद किया गया है। इनके खिलाफ पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 329(3), 223 और 28ए(1) के तहत रिपोर्ट दर्ज हुई है।