गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
करुणाधार चैरिटेबल ट्रस्ट ने एक बार फिर मानवता की सेवा में अपनी प्रतिबद्धता को साबित करते हुए जरूरतमंद लोगों के लिए भोजन व्यवस्था का आयोजन किया। इस नेक पहल के तहत 1000 से अधिक लोगों को भरपेट भोजन उपलब्ध कराया गया, जिससे समाज के कमजोर वर्ग के लोगों के चेहरों पर खुशी और संतुष्टि देखने को मिली।
कोइ व्यक्ति भूखा न सोए
यह आयोजन ट्रस्ट के उस संकल्प का हिस्सा था, जिसमें कोई भी भूखा न सोए और हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे।करुणा धार चैरिटेबल ट्रस्ट लंबे समय से समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय है और गरीब, असहाय, और जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए विभिन्न कार्यों में योगदान दे रहा है।
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गुणवत्ता का रखा विशेष ध्यान
इस बार आयोजित भोजन वितरण कार्यक्रम में ट्रस्ट के स्वयंसेवकों ने दिन-रात मेहनत कर यह सुनिश्चित किया कि भोजन की गुणवत्ता और मात्रा दोनों ही बेहतर हों। इस आयोजन में स्वादिष्ट और पौष्टिक भोजन तैयार किया गया, जिसमें चावल, दाल, सब्जी, रोटी, और मिठाई शामिल थी। भोजन वितरण का कार्य सुचारु रूप से संपन्न हुआ, जिसमें स्वयंसेवकों ने शारीरिक दूरी और स्वच्छता के नियमों का भी पालन किया।इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों में मजदूर, बेघर व्यक्ति, और वे परिवार शामिल थे जो आर्थिक तंगी के कारण अपने लिए पर्याप्त भोजन का इंतजाम नहीं कर पाते।
जरूरतमंदों की सहायता करना प्रथम लक्ष्य
ट्रस्ट की संयोजक तृप्ति आर्य व अलीशा कुमारी ने बताया कि यह आयोजन केवल भोजन वितरण तक सीमित नहीं था, बल्कि इसका उद्देश्य समाज में एकजुटता और करुणा की भावना को बढ़ावा देना भी था। उन्होंने कहा, "हमारा लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद तक मदद पहुंचे। यह देखकर संतोष होता है कि 1000 से अधिक लोग आज यहाँ भोजन कर संतुष्ट हुए। हम भविष्य में भी ऐसे आयोजन करते रहेंगे और समाज के सहयोग से इसे और बड़ा बनाएंगे।
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करुणा धार चैरिटेबल ट्रस्ट का यह प्रयास न केवल भूख मिटाने की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह समाज में मानवीय मूल्यों को मजबूत करने का भी एक उदाहरण है। इस तरह के आयोजन से न सिर्फ जरूरतमंदों को राहत मिलती है, बल्कि दूसरों को भी सेवा और सहायता के लिए प्रेरित किया जाता है।
भविष्य में और बड़े स्तर पर होने कार्य
ट्रस्ट ने भविष्य में और बड़े स्तर पर ऐसे कार्य करने की योजना बनाई है, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक मदद पहुंच सके। यह आयोजन एक बार फिर साबित करता है कि छोटे-छोटे प्रयासों से भी समाज में बड़ा बदलाव लाया जा सकता है, बशर्ते इरादे नेक हों और मेहनत सच्ची हो।
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