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Problem- चिराग तले अंधेरा : डिप्टी मेयर के वार्ड में ये हालत क्यों ?

जी हां हम बात कर रहे हैं स्ट्रीट लाइटों की जहां महापौर सुनीता दयाल शहर की गलियों में सड़कों को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है वहीं कुछ वार्ड ऐसे भी है जहां पर अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है

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Kapil Mehra
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Nagar Nigam GZB

फोटो जर्नलिस्ट सुनील कुमार के कैमरे से

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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गाजियाबाद नगर निगम के डिप्टी मेयर व पार्षद राजीव शर्मा के वार्ड 59 की स्थिति है खराब। 

जी हां हम बात कर रहे हैं स्ट्रीट लाइटों की जहां महापौर सुनीता दयाल शहर की गलियों में सड़कों को चमकाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है वहीं कुछ वार्ड ऐसे भी है जहां पर अभी भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव है

आपको बता दे कुछ समय पूर्व महापौर सुनीता दयाल ने सभी पार्षदों को निर्देश दिया था कि अपने-अपने वार्डों में विकास कार्यों में तेजी लाए व जनता की समस्या सुन उन पर जल्द से जल्द कार्रवाई करें। 

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Gurudwar Gali

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पड़ताल 

जब ग्राउंड जीरो पर गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता ने पड़ताल करी तो पाया कि वार्ड में जगह-जगह गंदगी का अंबार है सफाई व्यवस्था राम भरोसे है जब स्थानीय निवासियों से चर्चा करनी चाही तो कोई भी निवासी खुलकर बोलने के लिए तैयार नहीं था अब इसे बयान बाजी से बचने का तरीका बताएं या मौजूदा पार्षद का डर।

मुख्य समस्या 

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हमने पाया कि वार्ड में अधिकतर स्ट्रीट लाइट खराब पड़ी है जगह-जगह ब्लैक स्पॉट बने हुए हैं, जिसके कारण वार्ड में निवास करने वाली युवतियां व महिलाएं जो अपने ऑफिस से घर की ओर जाती है तो अंधेरी गलियां देखकर कुछ असहज सी हो जाती है। अंधेरे का फायदा उठाकर असामाजिक तत्व लगाते हैं जमघट। 

ward59

पुलिस भी है परेशान 

आपको बता दे पहले भी अंधेरे का फायदा उठाकर कई बार चोर गाड़ियों की बैटरियों पर हाथ साफ कर चुके हैं हमारे संवाददाता ने जब देर अंधेरे वार्ड में निरीक्षण किया तो पाया अधिकतर स्ट्रीट लाइट या तो जलती नहीं है या खराब पड़ी हुई है। 


वॉर्ड में स्थित एक मात्र गुरुद्वारा के साथ से जब गली में प्रवेश करे तो पाया गुरुद्वारे पर लगी तीनों स्ट्रीट लाइट जो कभी गाली को जगमगा कर रोशन करती थी आज वह मुरझाए फूल की तरह बंद पड़ी थी। 

light

फैंसी लाइट तो लगी पर जली नहीं

यही हाल नवयुग मार्केट में शहीद पथ पर लगी महंगी बड़ी फैंसी लाइटे जो सिर्फ अब शोपीस का काम कर रही है। 
आखिरकार सवाल यह बनता है कि जब शासन से वार्ड के विकास के लिए धनराशि उपलब्ध होती है तो उसका सही इस्तेमाल क्यों नहीं हो पा रहा है ?

इसलिए कुछ समय में देखा गया है कि निकाय चुनाव से ठीक पहले ही वार्ड की सड़क बनना शुरू होती है, लाइट ठीक हो जाती है नालियां साफ हो जाती है। 
क्या यह वोट की राजनीति के लिए एक रणनीति है 4 साल वोटर को इंतजार करवाया जाता है सुविधाओं के लिए और चुनाव के नजदीक आते ही वह विकास कार्य अपनी गति पकड़ लेते हैं। 


जहां मेयर पहले भी कह चुकी है कि सभी पार्षदों को अपने वार्ड का निरीक्षण करना चाहिए और जनता की समस्या सुनाई चाहिए वही मौजूदा वार्ड 59 पार्षद व पूर्व डिप्टी मेयर जनता से कहीं दूर ही नजर आते हैं। 

Fancy light

बोलने से डर लगता है  

नाम ना बताने की शर्त पर वार्ड 59 के एक निवासी में बताया कि जब भी वह सफाई या किसी और समस्या के लिए पार्षद की कार्यालय में जाते हैं तो उन्हें यह दो टूक जवाब मिलते हैं कि पूरे वार्ड में क्या आप ही को समस्या है। 
आखिरकार वार्ड निवासी अपनी समस्याओं को लेकर कहां जाए खराब लाइट जिसके कारण वार्ड 59 की अधिकतर गलियों में दिन ढलते ही अंधकार का साम्राज्य स्थापित हो जाता है।

Jatwara

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