Advertisment

पुरुषों की सेहत के लिए वरदान है काली मूसली, बढ़ाता है स्टेमिना

आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का विशेष महत्व है और उनमें से एक है काली मूसली। यह एक शक्तिशाली औषधि है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। स्टडी के अनुसार काली मूसली औषधीय गुणों से भरपूर होती है।

author-image
Vibhoo Mishra
Ayurved
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

वाईबीएन नेटवर्क। 

Advertisment

आयुर्वेद में जड़ी-बूटियों का विशेष महत्व है और उनमें से एक है काली मूसली। यह एक शक्तिशाली औषधि है, जिसका उपयोग प्राचीन काल से कई बीमारियों के इलाज में किया जाता रहा है। काली मूसली को मूत्र संबंधी विकारों और पेट की समस्याओं से छुटकारा दिलाने में मददगार माना जाता है। अक्टूबर 2023 में जर्नल ऑफ एप्लाइड फार्मास्युटिकल साइंस में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार काली मूसली औषधीय गुणों से भरपूर होती है।

औषधीय गुणों की खान 

शोध के अनुसार, काली मूसली में म्यूसिलेज, फेनोलिक ग्लाइकोसाइड, सैपोनिन और एलिफैटिक यौगिक पाए जाते हैं, जो इसे विभिन्न बीमारियों के इलाज में प्रभावी बनाते हैं। यह पौधा नपुंसकता, पीलिया और त्वचा रोगों सहित कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज में प्रयोग किया जाता है। इसके एंटीऑक्सीडेंट, एंटीकैंसर और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुणों पर भी कई वैज्ञानिक अध्ययन हो चुके हैं। कर्कुलिगो में क्लोरोफेनोलिक ग्लूकोसाइड, कर्कुलिगिन, ऑर्किनोसाइड और पॉलीसेकेराइड जैसे महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जो काली मूसली से प्राप्त होते हैं।

Advertisment

यह भी पढ़ें: Diabities से बचना चाहते हैं? बस अपनाइए ये 5 आदतें!

पुरुषों में बढ़ाता है स्टेमिना 

इसके साथ ही, पुरुषों में शारीरिक कमजोरी और यौन क्षमता की कमी को दूर करने में काली मूसली फायदेमंद साबित होती है। यह ऊर्जा और स्टैमिना बढ़ाने में मदद करती है। इसके लिए काली मूसली का सेवन गाय के दूध के साथ करना सबसे अधिक लाभकारी होता है। किडनी से जुड़ी समस्याओं के लिए काली मूसली का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। यह किडनी की कार्यक्षमता को बढ़ाती है और पेशाब से जुड़ी दिक्कतों को ठीक करती है। इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूरी होती है। 

Advertisment

मूत्र संबंधी रोगों में फायदेमंद 

मूत्र से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए काली मूसली का सेवन बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसके डाइयूरेटिक गुण मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक होते हैं। इसके लिए काली मूसली के चूर्ण को मिश्री के साथ गुनगुने पानी में मिलाकर सेवन करना लाभकारी हो सकता है। अक्सर गलत खानपान और मसालेदार भोजन के कारण गैस, अपच, दस्त और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो जाती हैं। काली मूसली का सेवन करने से पाचन तंत्र मजबूत होता है और पेट से जुड़ी दिक्कतों से राहत मिलती है। माना जाता है कि इसे दालचीनी पाउडर के साथ लेने से अधिक लाभ मिलता है।

यह भी पढ़ें: Alert: बदलते मौसम में रहें सतर्क, सेहतमंद रहने के लिए अपनाएं ये आसान उपाय

Advertisment

त्वचा में निखार 

गर्मियों में होने वाली खुजली, कील-मुंहासे और झाइयों की समस्या से बचने के लिए काली मूसली बेहद असरदार होती है। इसे चेहरे पर इस्तेमाल किया जा सकता है। चेहरे पर लगाने के लिए काली मूसली की जड़ का पेस्ट बनाकर इसमें दूध और शहद मिलाना चाहिए और इसे चेहरे पर लगाने के कुछ देर बाद धोने से त्वचा में निखार आता है और खुजली की समस्या दूर होती है।

 

Advertisment
Advertisment