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खून की अशुद्धता बन सकती है रोगों की जड़, आयुर्वेद बताएगा रक्तदोष दूर करने के उपाय

जब शरीर में खून अशुद्ध हो जाता है, तो त्वचा रोग, मुंहासे, जोड़ों का दर्द और थकान जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आयुर्वेद में इसे रक्तदोष कहा गया है।

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YBN News
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blooddisorders Photograph: (ians)

नई दिल्ली। जब शरीर में खून अशुद्ध हो जाता है, तो त्वचा रोग, मुंहासे, जोड़ों का दर्द और थकान जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। आयुर्वेद में इसे रक्तदोषकहा गया है। इसे दूर करने के लिए नीम, त्रिफला, मंजीठा और हल्दी का सेवन लाभदायक माना जाता है। ये औषधियां रक्त को शुद्ध कर प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती हैं। रोजाना पर्याप्त पानी पीना, हरी सब्जियां और फल आहार में शामिल करना भी जरूरी है। तैलीय, मसालेदार और जंक फूड से बचें। नियमित योग और प्राणायाम से रक्त संचार सुधरता है और शरीर स्वाभाविक रूप से शुद्ध रहता है।

रक्तदोष

मालूम हो कि आयुर्वेद के अनुसार हमारे शरीर में रक्त यानी खून सिर्फ एक द्रव नहीं है, बल्कि यही जीवन, ऊर्जा, रंग और तेज का असली स्रोत है। जब खून में गंदगी या दोष (वात, पित्त, कफ) बढ़ जाते हैं, तो उसे रक्तदोष कहा जाता है। ऐसा तब होता है जब हमारा पाचन कमजोर हो जाता है, हम गलत खाना खाते हैं या शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है। धीरे-धीरे ये खून अशुद्ध होकर शरीर में तरह-तरह की बीमारियां पैदा करता है।

रक्तदोष के कई कारण

रक्तदोष कई कारणों से होता है। ज्यादा मसालेदार, तला-भुना या पैकेट वाला खाना कब्ज, तनाव और नींद की कमी इसके प्रमुख कारण हैं। इसके अलावा दवाइयों का अधिक सेवन, शराब पीना, हार्मोनल असंतुलन या संक्रमण भी खून को दूषित कर सकते हैं। जब खून साफ नहीं रहता तो इसका असर सबसे पहले त्वचा पर दिखता है। चेहरे पर मुंहासे, खुजली, दाने, बालों का झड़ना, थकान, जोड़ों का दर्द और यहां तक कि लिवर व किडनी की दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं।

कई आसान घरेलू उपाय

आयुर्वेद में रक्त को 'जीवनीय तत्व' कहा गया है। इसलिए खून को शुद्ध रखना बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में कई आसान घरेलू उपाय बताए गए हैं जो बिना साइड इफेक्ट्स के खून को साफ करते हैं, जैसे रोज सुबह खाली पेट नीम की कुछ पत्तियां या उसका काढ़ा पीने से खून की अशुद्धि दूर होती है। मंजिष्ठा नाम की जड़ी-बूटी भी बहुत फायदेमंद है। इसका चूर्ण दूध या गुनगुने पानी के साथ लेने से पिंपल्स और त्वचा रोग में राहत मिलती है। त्रिफला चूर्ण भी पाचन ठीक रखता है और शरीर से टॉक्सिन निकालता है।

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शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता

लहसुन और गिलोय खून को साफ करने के बेहतरीन उपाय माने जाते हैं। रोजाना 2 कच्चे लहसुन की कलियां गुनगुने पानी के साथ खाएं और सुबह गिलोय का रस लें, इससे इम्युनिटी बढ़ती है और खून शुद्ध रहता है। चुकंदर और गाजर का जूस भी हीमोग्लोबिन बढ़ाने और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है। वहीं नींबू-शहद वाला पानी सुबह खाली पेट पीने से लिवर साफ रहता है और शरीर हल्का महसूस होता है।

जीवनशैली सुधारना भी जरूरी

सिर्फ दवाओं से नहीं, बल्कि जीवनशैली सुधारना भी जरूरी है। रोज गुनगुना पानी पीएं, सादा भोजन करें, चीनी और मैदे वाले खाद्य पदार्थों से बचें। थोड़ा व्यायाम और प्राणायाम (खासकर कपालभाति और अनुलोम-विलोम) जरूर करें। पूरी नींद लें और तनाव से दूरी बनाएं।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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