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हड्डियां हमारे शरीर का ढांचा होती हैं, जो हमें चलने-फिरने और अन्य गतिविधियों को करने में मदद करती हैं। हड्डियों की कमजोरी एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हड्डियां भंगुर और कमजोर हो जाती हैं, जिससे फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।
हड्डियों की कमजोरी के कारण
- कैल्शियम की कमी: कैल्शियम हड्डियों के लिए एक महत्वपूर्ण खनिज है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
- विटामिन डी की कमी: विटामिन डी कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। इसकी कमी से हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
- हार्मोनल परिवर्तन: महिलाओं में मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन हार्मोन की कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
- उम्र: उम्र बढ़ने के साथ हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है, जिससे वे कमजोर हो जाती हैं।
- जीवनशैली: गतिहीन जीवनशैली, धूम्रपान और शराब का सेवन हड्डियों को कमजोर कर सकते हैं।
- चिकित्सीय स्थितियां: कुछ रोग, जैसे कि रुमेटीइड गठिया और हाइपरथायरायडिज्म, हड्डियों की कमजोरी का कारण बन सकते हैं।
- दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे कि कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स, हड्डियों को कमजोर कर सकती हैं।
हड्डियों की कमजोरी के लक्षण
- पीठ दर्द
- कम ऊंचाई
- फ्रैक्चर
- कमजोर पकड़
- मुद्रा में बदलाव
बचाव के उपाय
- कैल्शियम युक्त आहार: दूध, दही, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां और बादाम जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- विटामिन डी: सूर्य के प्रकाश में रहें और विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ, जैसे कि मछली और अंडे खाएं।
- नियमित व्यायाम: वजन उठाने वाले व्यायाम, जैसे कि चलना, दौड़ना और सीढ़ियां चढ़ना, हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करते हैं।
- स्वस्थ जीवनशैली: धूम्रपान और शराब से बचें।
- नियमित जांच: हड्डियों के घनत्व की नियमित जांच कराएं, खासकर यदि आप जोखिम में हैं।
हड्डियों की कमजोरी का उपचार
- दवाएं: हड्डियों के घनत्व को बढ़ाने और फ्रैक्चर के खतरे को कम करने के लिए दवाएं उपलब्ध हैं।
- हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी: महिलाओं में मेनोपॉज के बाद हड्डियों की कमजोरी को रोकने के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का उपयोग किया जा सकता है।
- जीवनशैली में बदलाव: स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम हड्डियों को मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं।