नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
पूरी दुनिया में मोटापा एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। हाल ही में आई विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैंसर से पीड़ित बच्चों में मोटापे के कारण जान का जोखिम ज्यादा है। मोटापा मधमेह, हाई ब्लड प्रेसर और कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियों को न्योता देता है। 2022 में आई एक रिपोर्ट के आंकड़े बताते हैं कि 5 से 19 वर्ष के 390 मिलियन से अधिक युवा और बच्चे अधिक वजन के हैं जिनमें 160 मिलियन से अधिक बच्चे मोटापे का शिकार हैं।
बच्चों पर किया शोध
शोधकर्ताओं ने कनाडा में 2001 से 2020 तक 2 से 18 वर्ष के 11291 कैंसर पीड़ित बच्चों पर अध्ययन किया, जिसमें 10 फीसदी से अधिक बच्चे मोटापे से पीड़ित थे। शोधकर्ताओं का मानना है कि मोटापे के शिकार बच्चे कैंसर से ठीक से रिकवर नहीं कर पाते हैं और उनमें जान का जोखिम अन्य कैंसर पीड़ित की तुलना में अधिक होता है। कैंसर पत्रिका में प्रकाशित एक रिपोर्ट में कहा गया कि मोटापे से जान का जोखिम 29 फीसदी तक बढ़ जाता है। जान का खतरा उन में अधिक होता है जो ल्यूकेमिया या ब्रेन के कैंसर से पीड़ित हैं।
मोटापा और भारत
मोटापा वैश्विक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है। शरीर में वसा का अधिक जमाव होने को मोटापे के रूप में परिभाषित किया जाता है। बॉडी मास इ्ंडेक्स 30 से ऊपर होने पर व्यक्ति मोटापे के अंतर्गत आता है। मोटापा और कैंसर का गहरा सम्बंध है। मोटापा होने से व्यक्ति में 13 प्रकार के कैंसर का खतरा होता है, जिसमें लीवर कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, थाइरॉइड जैसे कैंसर शामिल हैं। भारत में मोटापे के शिकार बच्चे पूरी दुनिया में दूसरे स्थान पर हैं। एक अनुमान के मुताबिक भारत में लगभग 9 फीसदी बच्चे मोटापे से ग्रसित हैं, जिसके कारण उनमें कई प्रकार की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए माता- पिता को सलाह दी जाती है कि वे अपने बच्चों का बजन न बढ़ने दें।
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सुबह की एक कफ Coffee से जान का जोखिम होगा कम