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Helth Tips: सर्वाइकल से परेशान? आयुर्वेद से पाएं परमानेंट इलाज और जीवनभर का आराम

मोबाइल और कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल, घंटों एक ही पोजीशन में बैठकर काम करना और गलत मुद्रा में सोना सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की बड़ी वजह बन रहे हैं। गर्दन में दर्द , सिरदर्द, चक्कर आना, हाथों में झनझनाहट और नींद की दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं।

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YBN News
Cervical

Cervical Photograph: (AI)

नई दिल्ली। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में मोबाइल और कंप्यूटर का ज्यादा इस्तेमाल, घंटों एक ही पोजीशन में बैठकर काम करना और गलत मुद्रा में सोना सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की बड़ी वजह बन रहे हैं। इस समस्या से न सिर्फ गर्दन में दर्द होता है, बल्कि सिरदर्द, चक्कर आना, हाथों में झनझनाहट और नींद की दिक्कतें भी बढ़ जाती हैं। आयुर्वेद में इसका स्थायी समाधान मौजूद है। पंचकर्म, योग, हल्दी, अश्वगंधा और गिलोय जैसी जड़ी-बूटियां न सिर्फ दर्द कम करती हैं, बल्कि नसों को मजबूत बनाकर लंबे समय तक आराम भी देती हैं।

क्या है सर्वाइकल

दरअसल, हमारी रीढ़ की हड्डी में 33 कशेरुकाएं होती हैं, जिनमें से 7 गर्दन में होती हैं। इन्हें सर्वाइकल वर्टिब्रा कहते हैं। जब इन हड्डियों या डिस्क पर ज्यादा दबाव पड़ता है या उनमें विकार आने लगता है, तो यह समस्या शुरू हो जाती है। आयुर्वेद की मानें तो सर्वाइकल की परेशानी वात दोष बढ़ने से होती है। जब शरीर में वात बढ़ जाता है तो हड्डियों और नसों में जकड़न और दर्द शुरू हो जाता है। 

सर्वाइकल की समस्या आम

मेडिकल भाषा में इसे सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस कहते हैं। यह सिर्फ गर्दन का दर्द नहीं होता, बल्कि धीरे-धीरे कंधे, सिर और हाथों तक असर करता है। कई लोगों को चक्कर आना, कानों में आवाज सुनाई देना या आंखों के पीछे दर्द तक होने लगता है। अगर समय पर ध्यान न दिया जाए तो डिस्क हर्नियेशन जैसी बड़ी दिक्कत भी हो सकती है।

खाने-पीने का ध्यान 

हालांकि अन्य चीजों के साथ खाने-पीने का ध्यान रखना भी उतना ही जरूरी है। हरी सब्जियां, अंकुरित अनाज, दूध-दही, तिल और कैल्शियम व विटामिन-डी से भरपूर चीजें आहार में शामिल करनी चाहिए। वहीं, तली-भुनी और जंक फूड से दूरी बनाना बेहतर है। दिनभर पर्याप्त पानी पीना और समय पर आराम करना भी जरूरी है।

चिकित्सक इलाज

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चिकित्सक इलाज के तौर पर अक्सर पेनकिलर्स, फिजियोथेरेपी या ज्यादा परेशानी होने पर सर्जरी तक की सलाह देते हैं। लेकिन, दिक्कत यह है कि दवाइयां केवल कुछ समय के लिए आराम देती हैं और लंबे समय तक इसका सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।

आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेदिक उपायों में तेल से मालिश, गुनगुने पानी की सिकाई, त्रिफला, अश्वगंधा और गुग्गुल जैसी औषधियों का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। साथ ही भुजंगासन, ताड़ासन और मकरासन जैसे योगासन भी काफी असरदार हैं।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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