/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/17/dengue-mosquito-2025-09-17-17-22-09.jpg)
डेंगू के मच्छरों का क्या जलवायुपरिवर्तन से कोई संबंध हो सकता है? यह जानकारी सुनकर कुछ अजीब सा लगता है कि आखिर डेंगू के मच्छरों का जलवायु परिवर्तन से क्या संबंध हो सकता है? अमेरिका में स्टैनफोर्ड और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का मानना है 21 एशियाई और अमेरिकी देशों में डेंगू से प्रभावित होने के 18 प्रतिशत मामले जलवायु परिवर्तन से जुड़े हैं, जोऔसतन हर साल 46 लाख से अधिक अतिरिक्त संक्रमण के बराबर है।यह खुलासा 21 देशों में डेंगू के मामलों के एक नए विश्लेषण में हुआ है। पता चला है कि 1995 से 2014 के बीच डेंगू के 18 प्रतिशत मामले जलवायु परिवर्तन के कारण तापमान बढ़ने से जुड़े हैं।
वैश्विक तापमान ऐसा रहा तो 76 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं मामले
प्रोसिडिंग्स ऑफ द नेशनल अकादमी ऑफ साइंसेज के जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, यदि वैश्विक तापमान बढ़ना जारी रहा तो 2050 तक मच्छरों द्वारा फैलने वाली इस बीमारी के मामले 50 से 76 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं, जो ग्रीनहाउस गैस के बढ़ते उत्सर्जन पर निर्भर करेगा। अध्ययन में मध्य और दक्षिण अमेरिका, दक्षिण-पूर्व और दक्षिण एशिया के 1.4 मिलियन से अधिक डेंगू मामलों का विश्लेषण किया गया है। शोधकर्ताओं ने कहा कि यह आंकड़े शायद आकलन के लिए कम हैं, क्योंकि इसमें भारत और अफ्रीका जैसे बड़े क्षेत्रों को शामिल नहीं किया गया है, जहां यह बीमारी प्रबल है और विस्तृत आंकड़े उपलब्ध नहीं है।
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रहा है वैश्विक तापमान
अध्ययन से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ते तापमान और वर्षा के कारण डेंगू तेजी से फैल रहा है, यहां तक कि उन क्षेत्रों में भी जहां इसके मामले पहले कम थे। स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के जीवविज्ञान के प्रोफेसर एरिन मॉरडेकाई ने कहा, “इस काम की खास बात यह है कि हम डेंगू पर असर डालने वाले अन्य कारकों जैसे जनसंख्या, भूमि उपयोग परिवर्तन और गतिशीलता से तापमान के प्रभाव को अलग कर के इसका असर समझ पा रहे हैं।” उन्होंने कहा, यह केवल भविष्य की कल्पना नहीं है, बल्कि तापमान बढ़ने के कारण डेंगू के फैलाव से मानव जीवन में पहले ही काफी कष्ट हो चुका है।
तापमान बढ़ने से ठंडे इलाके होंगे अधिक प्रभावित
शोध में यह भी बताया गया कि तापमान बढ़ने से सबसे ज्यादा असर ठंडे इलाकों में होगा, जहां डेंगू के मामले 28 डिग्री सेल्सियस तापमान के करीब सबसे ज्यादा होंगे। अध्ययन के अनुसार, ठंडे इलाकों में डेंगू के मामले दोगुने से अधिक हो सकते हैं, जिनमें ऐसे क्षेत्र भी शामिल हैं जहां अब 26 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। लेखकों ने लिखा, हमारा अनुमान है कि अध्ययन किए गए देशों में डेंगू के मामलों में औसतन 18 प्रतिशत ऐतिहासिक जलवायु परिवर्तन के कारण हुए हैं और भविष्य में तापमान बढ़ने से डेंगू के मामले 49 से 76 प्रतिशत तक बढ़ सकते हैं, जो उत्सर्जन की स्थिति पर निर्भर करेगा।
मच्छरों पर नियंत्रण के उपाय करने होंगे
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह निष्कर्ष सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को मार्गदर्शन देने में मदद कर सकते हैं और सरकारों तथा जीवाश्म ईंधन कंपनियों को जलवायु परिवर्तन से हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार ठहराने के प्रयासों को मजबूत कर सकते हैं। टीम ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का आकलन करने वाले ऐसे अध्ययन न्यायालयों और नीतिगत बहसों में बढ़ती भूमिका निभा रहे हैं, जिससे प्रभावित देशों को क्षतिपूर्ति के रूप में फंड मुहैया कराया जा सकेगा। शोधकर्ताओं ने कहा कि जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई और बेहतर अनुकूलन आवश्यक है, जिसमें मच्छरों पर नियंत्रण, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियां और नए टीकों का व्यापक इस्तेमाल शामिल है। climate change dengue | dengue death | dengue latest news
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us