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औषधीय गुणों से भरपूर हल्दी-दूध को साइंस ने भी माना सुपर ड्रिंक, जानें- चमत्कारी  फायदे

भारत में हल्दी का इस्तेमाल औषधीय गुणों के लिए भी सदियों से किया जाता रहा है। खासतौर पर हल्दी-दूध, जिसे लोग “गोल्डन मिल्क” भी कहते हैं, सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। यह आयुर्वेदिक नुस्खा आज भी हर घर में लोकप्रिय है।

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YBN News
Turmericmilk

Turmericmilk Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। भारत में हल्दी का इस्तेमाल केवल मसाले के रूप में ही नहीं बल्कि औषधीय गुणों के लिए भी सदियों से किया जाता रहा है। खासतौर पर हल्दी-दूध, जिसे लोग “गोल्डन मिल्क” भी कहते हैं, सेहत के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है। यह आयुर्वेदिक नुस्खा आज भी हर घर में लोकप्रिय है। इसमें मौजूद करक्यूमिन नामक तत्व एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। यह न केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है बल्कि सर्दी-जुकाम, खांसी और गले की खराश जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। 

सुपर ड्रिंक

मालूम हो कि हल्दी-दूध हड्डियों को मजबूत बनाताहै और चोट या फ्रैक्चर से जल्दी आराम दिलाता है। इसके नियमित सेवन से नींद अच्छी आती है और तनाव भी कम होता है। आधुनिक शोध भी मानते हैं कि हल्दी-दूध शरीर को डिटॉक्स करने और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में मददगार है। 

दादी-नानी का नुस्खा

मालूम हो कि भारत में अगर कोई ऐसा मसाला है, जो खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ औषधि का भी काम करता है, तो वह है हल्दी। जब हल्दी को दूध के साथ मिलाकर पिया जाता है, तो यह सिर्फ एक साधारण पेय नहीं बल्कि प्राकृतिक औषधि बन जाता है। यही कारण है कि पहले के समय में दादी-नानी चोट लगने, सर्दी-जुकाम या शरीर में कमजोरी होने पर हमेशा हल्दी वाला दूध पीने की सलाह देती थीं। आज विज्ञान भी मानता है कि हल्दी-दूध शरीर के लिए किसी सुपर ड्रिंक से कम नहीं है।

हल्दी-दूध पीना बेहद फायदेमंद

जानकारी हो कि सोने से पहले हल्दी-दूध पीना बेहद फायदेमंद है। यह मस्तिष्क को होने वाले नुकसान से बचाता है और अल्जाइमर जैसी बीमारियों का खतरा कम करता है। इसमें मेलाटोनिन नामक तत्व की मात्रा बढ़ाने की क्षमता होती है, जिससे नींद गहरी और अच्छी आती है। यही वजह है कि इसे नैचुरल स्लीप बूस्टर भी कहा जाता है। इसके अलावा हल्दी-दूध आंखों की रोशनी बढ़ाने, पाचन तंत्र को दुरुस्त करने और आंतों को साफ रखने में भी मदद करता है।

कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाव

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मालूम हो कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाव करता है। यह दूध के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूत बनाता है और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा घटाता है। साथ ही यह रक्त में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और लीवर को स्वस्थ रखता है।

सुंदरता के नजरिए से

वहीं, सुंदरता के नजरिए से भी हल्दी-दूध बेहद फायदेमंद है। यह कोलेजन निर्माण को बढ़ाता है, जिससे त्वचा मुलायम और चमकदार बनती है। इसके अलावा, इसमें एंटीबायोटिक और एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो शरीर को हर तरह के संक्रमण से बचाते हैं।अगर इसमें काली मिर्च भी मिलाई जाए तो इसका असर और दोगुना हो जाता है, क्योंकि काली मिर्च हल्दी में मौजूद करक्यूमिन को शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित करने में मदद करती है।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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