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भयंकर गर्मी मौत का कारण बनेगी
नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
इस समय पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के संकट से गुजर रही है। बढ़ती गर्मी से इंसान से लेकर जीव-जन्तु सब परेशान हैं। अत्याधिक गर्मी के कारण से अन्य मौसमों की उम्र कम हो गई है। अब अधिकतर मौसम गर्म ही रहता है। हाल ही में शोधकर्ताओं ने जलवायु परिवर्तन से होने वाले खतरों पर चिंता व्यक्त की है।
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यूरोप में होंगी भयंकर मौतें
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन में बताया कि सदी के अंत तक यूरोप में खतरनाक गर्मी के कारण मौतों में 50 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। यूरोप में गर्मी से मरने वालों की संख्या ठंड से मरने वालों की तुलना में ज्यादा होगी। गर्मी से मरने वालों की संख्या हर साल 8000 तक हो सकती है और ये आंकड़ा 80000 तक पहुंच सकता है।
इन शहरों पर पडेगा अधिक प्रभाव
वैज्ञानिकों ने यूरोप के 854 शहरों में कई एज ग्रुप के लोगों को मृत्यु दर से जोड़कर देखा। इसमें सामने आए तीन परिणामों से पता चलता है कि बढ़ता तापमान जीवन को प्रभावित कर रहा है। दक्षिणी यूरोप में, खास तौर पर भूमध्य सागर के आसपास के क्षेत्र में मृत्यु दर में सबसे अधिक बढोत्तरी होने का अनुमान है, जबकि मध्य यूरोप में दूसरा हॉटस्पॉट स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रिया और दक्षिणी जर्मनी और पोलैंड के कुछ हिस्सों को कवर करता है। इससे उत्तरी यूरोप में मौतों में थोड़ी कमी आने की उम्मीद है।
एशिया और भारत में क्या होगा असर
जलवायु परिवर्तन से एशिया और भारत पर बड़ा असर पड़ रहा है। इससे कई तरह की समस्या जैसे हीटवेव, बाढ़ , सूखा और पानी की कमी आ रही है। इसका सबसे ज्यादा असर तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर पडेगा। इससे कृषि भी प्रभावित होगी क्योंकि भारत की अधिक आबादी खेती पर निर्भर है। गर्मी पड़ने से पानी के स्त्रोत सूख रहे हैं,जो चिन्ता जनक है।
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