नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
Coffee एक ऐसा पेय पदार्थ है, जिसका सेवन लगभग हर व्यक्ति करता ही है। हाल ही में कॉफी को लेकर एक नया खुलासा हुआ है। इसमें बताया गया है कि कुछ लोगों को कॉफी का स्वाद कडवा क्यों लगता है।
वैज्ञानिकों किया शोध
कॉफी का स्वाद कडवा लगने के पीछे जेनेटिक कारण भी हो सकते हैं। जर्मनी की टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख के वैज्ञानिकों के फूड केमिस्ट्री पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में यह खुलासा किया है। शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर किसी व्यक्ति को कोई पदार्थ कडवे लगते हैं तो इसके पीछे उसकी जेनेटिक संरचना भी होती है।
कडवा होने का कारण
कॉफी में कैफीन के अलावा भी कुछ तत्व होते हैं जो कड़वाहट लाते हैं। इनमें अरेबिका बीन्स में पाए जाने वाला मोजाम्बियोसाइड भी शामिल है। मोजाम्बियोसाइड कॉफी से लगभग 10 गुना ज्यादा कडवा होता है। इसको कॉफी बनाने से पहले भूना जाता है, जिससे मोजाम्बियोसाइड का लेवल काफी कम हो जाता है। यह मानव शरीर में लगभग कड़वे स्वाद वाले 25 रिसेप्टर्स में से दो ‘टीएएस2आर43’ (TAS2R43) और ‘टीएएस2आर46’ (TAS2R46) को एक्टिवेट कर देता है।
लीड रिसर्चर्स रोमन लैंग (Roman Lang) के मुताबिक हालांकि, हमने पाया कि ‘बीन’ को रोस्टिंग के दौरान ‘मोजाम्बियोसाइड’ का लेवल काफी कम हो जाता है और इसलिए, ये पदार्थ ‘‘कॉफी की कड़वाहट में मामूली सा कंट्रिब्यूशन देता है’’। आगे की स्टडी से यह भी पता चला कि स्वाद को महसूस करने की क्षमता प्रतिभागियों की जेनेटिक टेंडेंसी पर डिपेंड करती हैं।
इस तरह बनती है कॉफी
चाय की तरह ही कॉफी को भी पेड से ही बनाया जाता है। इसके बीजों को पहले सुखाया जाता है, फिर उन्हें भूना जाता है। कॉफी बीन्स से इसका पाउडर तैयार किया जाता है। कॉफी को उत्तेजक पेय पदार्थ माना जाता है। भारत में कॉफी की फसल कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में बहुतायत रूप से होती है। इसके अलावा उडीसा और आंध्रप्रदेश के कुछ इलाकों में भी इसका उत्पादन किया जाता है।
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