नई दिल्ली, वाईबीएन नेटवर्क।
कोविड 19 के कारण दुनिया ने बहुत ही भयावह स्थिति का सामना किया। इससे पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत हुई थी। लेकिन कोविड के जाने के बाद भी इससे पीडि़त लोगों में कई तरह की परेशानियां देखी गई।
कोविड के बाद भी रहा खतरा
कोविड पर आई एक रिपोर्ट में बताया गया है कि इसने पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को अधिक प्रभावित किया। महिलाओं में इसका असर लंबे समय तक देखा गया और इसका जोखिम 31 फीसदी बढ़ गया। 40 से 55 साल की महिलाओं को इसका सबसे ज्यादा खतरा है। अध्ययन में यह बात भी सामने आई है कि इससे उन महिलाओं को गंभीर खतरा है,जिनका मासिक धर्म बंद हो चुका है।
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कोविड से ठीक हो जाने के बाद भी लोगों में थकान, काम में फोकस नहीं कर पाना जैसी तमाम परेशानियां देखी गई। दुनिया भर कि चिकित्सक इस बारे में लगातार अध्ययन कर रहे हैं। अमेरिका के टेक्सास विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 12,200 से अधिक लोगों पर 6 महीने तक अध्ययन किया। अध्ययन में सभी कोविड से पीडित थे,जिनमें 73 प्रतिशत महिलाएं थी। परीक्षण से पता चला कि 18 से 39 साल की महिलाओं को छोडकर सभी में कोविड का असर लम्बे समय तक रहा। प्रमुख शोधकर्ता थॉमस पैटरसन ने कहा कि यह अध्ययन कोविड के फैक्टर को पहचानने में मदद कर सकता है। जिसके कारण इसका उपचार और रोकथाम करना आसान हो सकता है।
पोस्ट कोविड
पोस्ट-कोविड (Post-COVID Symptoms) को लॉन्ग कोविड (Long COVID) या पोस्ट-एक्यूट सीक्वेल ऑफ़ सार्स-कोव-2 (PASC) भी कहा जाता है। ये लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं और शरीर के विभिन्न अंगों को प्रभावित कर सकते हैं।
इसके कई लक्षण होते हैं
- सामान्य से अधिक थकावट होना
- शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होना
- ध्यान केंद्रित करने, सोचने और याददाश्त में समस्या।
- ठीक से नींद का नर आना या अच्छी नींद न आना।
- दिल की धड़कन असामान्य महसूस होना।
- कोविड से ठीक होने के बाद भी गंध और स्वाद का ठीक से वापस न आना।
- मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं।
- संक्रमण के कुछ महीनों बाद बाल झड़ने की शिकायत।
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