वाईबीएन नेटवर्क।
आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में तनाव यानी स्ट्रेस हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, आर्थिक परेशानियां और अनहेल्दी लाइफस्टाइल ये सब मिलकर ना सिर्फ मानसिक शांति छीन लेते हैं बल्कि शरीर पर भी गहरा असर डालते हैं। अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि क्या लंबे समय तक स्ट्रेस में रहने से डायबिटीज हो सकती है? चलिए इस सवाल का जवाब जानते हैं विशेषज्ञ की जुबानी।
तनाव और डायबिटीज का संबंध
दिल्ली स्थित मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. गौरव गुप्ता बताते हैं कि जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक तनाव में रहता है तो उसके शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालिन जैसे तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ने लगता है। ये हार्मोन ब्लड शुगर को अस्थायी रूप से बढ़ा सकते हैं। अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे तो शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी घटने लगती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा काफी बढ़ जाता है।
ये आदतें भी बढ़ाती हैं रिस्क
सिर्फ हार्मोन ही नहीं, तनाव में इंसान का व्यवहार भी बदलता है। लोग अक्सर ज़्यादा मीठा या फास्ट फूड खाने लगते हैं। एक्सरसाइज छोड़ देते हैं। उनकी नींद कम हो जाती है और सिगरेट या शराब की आदत बढ़ जाती है। ये सभी आदतें डायबिटीज को न्योता देती हैं। कई रिसर्च यह दर्शाती हैं कि लंबे समय तक क्रॉनिक स्ट्रेस शरीर में इन्फ्लेमेशन को बढ़ाता है, जिससे ब्लड शुगर और इंसुलिन के बीच संतुलन बिगड़ जाता है।
बचने के लिए क्या करें?
नियमित व्यायाम: योग, वॉक, साइकलिंग जैसी फिजिकल एक्टिविटी स्ट्रेस कम करने में कारगर है।
स्वस्थ आहार: फाइबर, फल, सब्जियां और प्रोटीन युक्त खाना खाएं, और मीठा सीमित करें।
नींद पूरी लें: रोजाना 7–8 घंटे की नींद मानसिक और शारीरिक संतुलन बनाए रखती है।
मेडिटेशन और प्राणायाम: गहरी सांसों की एक्सरसाइज कोर्टिसोल लेवल को घटाने में मदद करती है।
रिलैक्सेशन टाइम: अपनी हॉबी जैसे संगीत, पढ़ना, पेंटिंग आदि के लिए समय निकालें।
वर्क-लाइफ बैलेंस: हर वक्त काम में डूबे रहने से बचें और खुद के लिए वक्त निकालना न भूलें।