Health Tips:आयुर्वेद में तुलसी बेहद खास औषधीय पौधा है। इस पौधे की पत्तियों में ढेरों औषधीय गुण छिपे होते हैं। तुलसी के इस्तेमाल से इम्यूनिटी मजबूत होती है। तुलसी की पत्तियां चबाकर खाएं या इसका काढ़ा बनाकर पीएं, हर तरह से ये आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है।
तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण
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तुलसी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं और संक्रमण से बचाव में मदद करते हैं। मानसून में कई तरह के वायरस और बैक्टीरिया का खतरा बढ़ जाता है। यदि आपको इससे बचना है, तो तुलसी का सेवन जरूर करें। बुजुर्ग हमेशा से सुबह खाली पेट तुलसी का काढ़ा बनाकर पीने की सलाह देते आए हैं।
तनाव और चिंता को कम करने में सहायक
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तुलसी में विटामिन सी, जिंक और आयरन जैसे विटामिन और खनिज होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए जरूरी हैं। बताया जाता है कि तुलसी का काढ़ा गले की खराश, खांसी और जुकाम को ठीक करने में बहुत असरदार है। इसके अलावा इसके सेवन से तनाव कम होता है। इसमें एडाप्टोजेन गुण होते हैं, जो तनाव और चिंता को कम करने में सहायक हैं।
त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद
इसके अलावा तुलसी का काढ़ा पेट की गैस, अपच और कब्ज को दूर करने में मददगार है। अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सांस की अन्य समस्याओं में इसके सेवन से राहत मिलती है। बुखार में भी तुलसी का काढ़ा पीने की सलाह दी जाती है, क्योंकि यह शरीर का तापमान नियंत्रित करता है और जल्दी आराम मिल जाता है।
इतना ही नहीं, तुलसी के काढ़े का सेवन त्वचा के लिए भी बहुत फायदेमंद है। इसके सेवन से मुंहासों से छुटकारा मिलता है और त्वचा के संक्रमण को कम करने में मददगार है।
काढ़ा बनाने के लिए...
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काढ़ा बनाने के लिए आप तुलसी की ताजा कम से कम पांच से छह पत्तियां लें और इसे अच्छे से धो लें। एक कप पानी में इन पत्तियों को उबालें और इसमें थोड़ा अदरक या काली मिर्च डाल सकते हैं। मीडियम आंच पर इसे लगभग पांच से सात मिनट तक उबालने के बाद छान लें और स्वाद के लिए शहद मिलाकर पीएं। हालांकि, एक बार इसका सेवन करने से पहले किसी वैद्य या डॉक्टर से सलाह लें, यदि आप किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो इसका साइड इफेक्ट भी हो सकता है। वैसे बताया जाता है कि तुलसी का काढ़ा पीने से कोई नुकसान नहीं होता है।
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