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ramjan Photograph: (ians)
लखनऊ। रमज़ान का महीना चल रहा है यह महीना आध्यात्मिकता और लोगों से मिलने-जुलने का है। कई लोग इस महीने में रोज़ा रखते हैं नमाज़ पढ़ते हैं और आपस में मिलते-जुलते हैं। लेकिन जिन लोगों को डायबिटीज है उन्हें इस पाक़ महीने में थोड़ा ज़्यादा ध्यान रखना चाहिए और पहले से ही योजना बनानी चाहिए।
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कॉन्टिन्युजअस ग्लूकोज मॉनीटरिंग
डॉ ज्योति साह, सीनियर कंसल्टेंवट, एकेडिस हॉस्पिटल, लखनऊ के मुताबिक रमज़ान में रोज़ा रखने वाले डायबिटीज के मरीजों के लिए, कॉन्टिन्युजअस ग्लूकोज मॉनीटरिंग बहुत काम की मशीन है यह मशीन हर समय ब्लएड शुगर का लेवल बताती रहती है, जिससे यह पता चलता है कि रोज़े से पहले और बाद में खाने से शुगर कितनी बढ़ रही है।
इस जानकारी से खाने की मात्रा, खाने का समय और व्यायाम को सही तरीके से तय करने में मदद मिलती है, जिससे शुगर को कंट्रोल करना आसान हो जाता है और आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
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सोच-समझकर तैयार की गई डाइट
डा. ज्योति का कहना है कि सही जानकारी और सही चीज़ों का इस्तेमाल करके वे भी अच्छे से रोज़ा रख सकते हैं और इस पवित्र महीने का आनंद ले सकते हैं, वह भी अपनी सेहत को खतरे में डाले बिना। उचित पौष्टिक आहार के अलावा, ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करने की भी सलाह दी जाती है। कंटीन्यूअस ग्लूकोज मॉनिटरिंग वास्तविक समय में ब्लड शुगर लेवल की निगरानी करने का एक सुविधाजनक और दर्द रहित तरीका है।
सोच-समझकर तैयार की गई डाइट के साथ अगर हम नियमित रूप से ग्लूकोज पर नजर रखेंगे तो डायबिटीज से ग्रस्त लोग भी रोज़ा रख सकते हैं और इस पूरे पवित्र महीने में अपने स्वास्थ्य को भी बरकरार रख सकते हैं। ब्लड शुगर लेवल की नियमित निगरानी का महत्व विशेष रूप से रमज़ान के दौरान, डायबिटीज को सही तरीके से मैनेज करने के लिए ब्लाड शुगर लेवल की निरंतर निगरानी आवश्यक है।
सावधानीपूर्वक योजना बनाना बेहद महत्वपूर्ण
फ्री स्टाइल लिब्रे जैसे कॉन्टिन्युएअस ग्लिकोज मॉनीटरिंग डिवाइसेस वास्तविक समय का डेटा प्रदान करते हैं, जो एक बार के रीडिंग के बजाय ब्लंड शुगर के रुझान का एक संपूर्ण दृश्य देते हैं। अपने स्मार्टफोन पर उपलब्ध इस डेटा के साथ आप अपने भोजन, शारीरिक गतिविधि और उपचार के बारे में समझदारी से निर्णय ले सकते हैं। सुबह सहरी से लेकर सूर्यास्त के बाद इफ्तार तक रोज़ा रखने के दौरान ब्लेड शुगर के स्तर को संतुलित करना संभावित उतार-चढ़ाव के कारण चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
इसलिए, सहरी और इफ्तार दिन के आवश्यक भोजन बन जाते हैं, जिससे हमारे शरीर को ऊर्जा और पोषण मिलता है। डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए, इस महीने के दौरान अपने खाने-पीने की सावधानीपूर्वक योजना बनाना बेहद महत्वपूर्ण है। इससे ब्ल ड शुगर लेवल में होने वाले बदलावों को मैनेज करना आसान हो जाता है।