Advertisment

शरीर ही नहीं ब्रेन को भी नुकसान, अगर चार दिन तक जंक फूड खाया तो याददाश्त हो जाएगी कमजोर: अध्ययन

फैटी फूड्स का अगर चार दिन भी आप नियमित तौर पर सेवन करते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि ऐसा कर आप अपने शरीर को ही नहीं ब्रेन को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। बार-बार जंक फूड खाने से डिप्रेशन और तनाव का खतरा भी बढ़ जाता है।

author-image
YBN News
Jankfood

Jankfood Photograph: (IANS)

नई दिल्ली।फैटी और जंक फूड केवल मोटापा या डायबिटीज़ का कारण नहीं बनते, बल्कि दिमाग़ पर भी सीधा असर डालते हैं। हालिया शोध के अनुसार, इनका नियमित सेवन सोचने-समझने और याददाश्त की क्षमता को कमजोर करता है। हाई फैट और शुगर युक्त भोजन मस्तिष्क की नसों में सूजन पैदा करता है, जिससे मानसिक स्पष्टता और एकाग्रता प्रभावित होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार जंक फूड खाने से डिप्रेशन और तनाव का खतरा भी बढ़ जाता है। इसलिए संतुलित आहार और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना न केवल शरीर बल्कि दिमाग के लिए भी बेहद ज़रूरी है।

सोचने-समझने की क्षमता पर नकारात्मक असर

जो प्री वीकेंड और पोस्ट वीकेंड सेलिब्रेशन के लिए जंक फूड को तरजीह देते हैं?  ये खबर आपके लिए है! इन फैटी फूड्स का अगर चार दिन भी आप नियमित तौर पर सेवन करते हैं तो सतर्क हो जाइए क्योंकि ऐसा कर आप अपने शरीर को ही नहीं ब्रेन को भी नुकसान पहुंचा रहे हैं। स्टडी बताती है कि इससे कॉग्निटिव डिसफंक्शन (सोचने-समझने की क्षमता पर नकारात्मक असर) का रिस्क बढ़ता है और धीरे-धीरे याददाश्त कमजोर पड़ने लगती है।

ग्लूकोज की कमी होने के बाद

यूएनसी स्कूल ऑफ मेडिसिन में मुख्य अन्वेषक और फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर जुआन सोंग ने कहा कि यह अतिसक्रियता हिप्पोकैम्पस द्वारा स्मृति प्रसंस्करण करने के तरीके को बाधित करती है। ये हाइपरएक्टिविटी हाई फैट डाइट (एचएफडी) लेने के कुछ दिनों बाद तक भी जारी रहती है। सोंग ने कहा कि हमें सबसे ज्यादा आश्चर्य इस बात का हुआ कि ग्लूकोज की कमी होने के बाद इन कोशिकाओं ने तेजी से अपनी गतिविधि बदल दी, और यह बदलाव ही याददाश्त कमजोर करने के लिए काफी था।

टीम ने ये परीक्षण चूहों पर किया। उन्हें फैटी जंक फूड जैसे उच्च वसा वाले आहार पर रखा। उच्च वसा वाला आहार खाने के चार दिनों के भीतर, परिणामों से पता चला कि मस्तिष्क के स्मृति केंद्र में सीसीके इंटरन्यूरॉन्स असामान्य रूप से सक्रिय हो गए। शोध यह भी दर्शाता है कि मस्तिष्क में ग्लूकोज के स्तर को बहाल करने से वास्तव में अतिसक्रिय न्यूरॉन्स शांत हो गए और चूहों की स्मृति संबंधी समस्याएं ठीक हो गईं।

फैटी जंक फूड मस्तिष्क को करता अटैक

Advertisment

 अमेरिका स्थित उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय (यूएनसी) के शोध से पता चलता है कि फैटी जंक फूड वजन बढ़ाने या आपको डायबीटिक बनाने से बहुत पहले ही मस्तिष्क को अटैक करता है यानि इनके नियमित सेवन से सोचने-समझने की क्षमता पर नकारात्मक असर पड़ता है। ये परिणाम बताते हैं कि हमे मोटापे और याददाश्त को कमजोर करने वाले कारकों पर प्रहार करना चाहिए। जिनमें सबसे पहले नाम आता है वेस्टर्न-स्टाइल जंक फूड (पाश्चात्य शैली से प्रभावित जंक फूड) का।

ग्लूकोज ग्रहण करने की क्षमता

न्यूरॉन पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्षों से पता चला है कि हिप्पोकैम्पस में मस्तिष्क कोशिकाओं का एक विशेष समूह - जिसे सीसीके इंटरन्यूरॉन्स कहा जाता है - उच्च वसा वाला आहार (एचएफडी) खाने के बाद अत्यधिक सक्रिय हो जाता है। सीसीके इंटरन्यूरॉन्स की सक्रियता का कारण मस्तिष्क के ग्लूकोज ग्रहण करने की क्षमता का कमजोर होना है।

इस खोज से यह भी पता चला है कि पीकेएम2 नामक एक प्रोटीन इस समस्या को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। दरअसल, ये प्रोटीन मस्तिष्क कोशिकाओं द्वारा ऊर्जा के उपयोग को नियंत्रित करता है।

ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने के लिए

Advertisment

यूएनसी न्यूरोसाइंस सेंटर के सदस्य सोंग ने कहा, "हम जानते थे कि आहार और मेटाबॉलिज्म ब्रेन हेल्थ को प्रभावित कर सकते हैं, लेकिन हमें उम्मीद नहीं थी कि हिप्पोकैम्पस में मौजूद सीसीके इंटरन्यूरॉन्स (मस्तिष्क कोशिकाओं के विशिष्ट और कमजोर समूह) मिलेंगे।"

अध्ययन से पता चलता है कि मोटापा संबंधित न्यूरोडीजेनेरेशन रोकने और ब्रेन हेल्थ को बनाए रखने के लिए खान-पान में बदलाव और कुछ औषधियां सहायक सिद्ध हो सकती हैं। उल्लेखनीय रूप से, शोधकर्ताओं ने पाया कि हाई-फैट-डाइट के बाद इंटरमिटेंट फास्टिंग से भी फायदा पहुंच सकता है। इससे सीसीके इंटरन्यूरॉन्स सामान्य होते हैं और मेमोरी सुधरती है।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

Advertisment
Advertisment