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Intermittent Fasting : सेहत के लिए एक शक्तिशाली उपाय, जानें इसके प्रकार व लाभ

इंटरमिटेंट फास्टिंग एक शक्तिशाली और प्रभावी तरीका है जिससे वजन घटाने के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं। हालांकि, इसे अपनाने से पहले आपको अपनी शारीरिक स्थिति और डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

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Dr Naveen Sharma
Intermittent Fasting

इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) एक बेहद प्रभावी आहार विधि है, जो दुनिया भर में लोगों के बीच लोकप्रिय हो रही है। यह केवल वजन घटाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है, इसके प्रकार क्या हैं, इसके फायदे क्या हैं, और इसे करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

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इंटरमिटेंट फास्टिंग क्या है?

इंटरमिटेंट फास्टिंग (IF) एक आहार पैटर्न है, जिसमें खाना खाने और उपवास के समय को वैकल्पिक किया जाता है। इसका मतलब है कि आप कुछ घंटों तक भोजन नहीं करते और फिर एक निर्धारित समय सीमा में भोजन करते हैं। यह कोई विशिष्ट आहार योजना नहीं है, बल्कि एक समयबद्ध तरीका है, जिससे आप अपनी कैलोरी सेवन को नियंत्रित कर सकते हैं और शरीर को विश्राम दे सकते हैं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के प्रकार

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इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई प्रकार हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:

  1. 16/8 विधि (16-आठ घंटा फास्टिंग)
    इस विधि में आप 16 घंटे उपवासी रहते हैं और बाकी 8 घंटे में आप अपना भोजन करते हैं। यह सबसे लोकप्रिय तरीका है, जहां आमतौर पर रात का खाना खाने के बाद अगली सुबह तक उपवासी रहते हैं और फिर दोपहर के बाद भोजन करते हैं।
  2. .5:2 विधि (5 दिन खाना, 2 दिन उपवासी)
    इस विधि में आप सप्ताह के 5 दिन सामान्य रूप से खाते हैं, जबकि 2 दिन केवल 500-600 कैलोरी का सेवन करते हैं। इस विधि से आपके शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और आप कम कैलोरी लेने से वजन घटाने में मदद पाते हैं।
  3. वैकल्पिक दिन उपवासी (Alternate Day Fasting)
    इसमें आप एक दिन पूरी तरह उपवासी रहते हैं और अगले दिन सामान्य भोजन करते हैं। यह विधि तीव्र वजन घटाने के लिए उपयुक्त होती है, लेकिन इसे लंबे समय तक करना कठिन हो सकता है।
  4. ईट-स्टॉप-ईट (Eat-Stop-Eat)
    इसमें आपको सप्ताह में 1-2 बार 24 घंटे के लिए उपवासी रहना होता है। इस तरीके से आपको कैलोरी सेवन को कम करने का मौका मिलता है, जिससे शरीर फैट को जलाने के लिए प्रेरित होता है।
  5. पौंडिंग विधि (The Warrior Diet)
    इस विधि में दिन भर हल्का भोजन लिया जाता है और रात में एक ही बड़े भोजन का सेवन किया जाता है। यह विधि भी वजन घटाने और शरीर के टोक्सिन को बाहर निकालने के लिए फायदेमंद मानी जाती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के लाभ

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इंटरमिटेंट फास्टिंग से केवल वजन घटाने का ही लाभ नहीं होता, बल्कि इसके कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी हैं:

  1. वजन घटाने में मदद
    इंटरमिटेंट फास्टिंग शरीर को अधिक समय तक भोजन से दूर रखता है, जिससे शरीर अपनी ऊर्जा की आवश्यकता के लिए फैट का इस्तेमाल करता है। इससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
  2. मधुमेह (Diabetes) की रोकथाम
    यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाता है, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम होता है।
  3. दिल के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
    इंटरमिटेंट फास्टिंग रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स के स्तर को कम करने में मदद करता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
  4. अंतराल से कोशिकीय मरम्मत
    जब आप उपवासी रहते हैं, तो आपके शरीर की कोशिकाएं मरम्मत की प्रक्रिया को तेज कर देती हैं। यह प्रोसेस फास्टिंग के दौरान शुरू होती है और शरीर के अंदर साफ-सफाई का काम करती है।
  5. दिमागी स्वास्थ्य में सुधार
    यह मस्तिष्क के कार्यों को सुधारने में मदद करता है और न्यूरोट्रांसमीटरों को नियंत्रित करता है, जिससे मस्तिष्क में डिप्रेशन और चिंता की समस्या कम होती है।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के contraindications

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हालांकि इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई लाभ हैं, लेकिन कुछ लोग इसे अपनाते समय कुछ समस्याओं का सामना कर सकते हैं। इसके बारे में सावधान रहने की आवश्यकता है:

  1. गर्भवती या स्तनपान करवा रही महिलाएं
    गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को लंबे समय तक उपवासी रहना हानिकारक हो सकता है, क्योंकि इससे पोषण की कमी हो सकती है जो शिशु के लिए हानिप्रद हो सकता है।
  2. कमजोर शारीरिक स्थिति वाले लोग
    अगर किसी व्यक्ति को शारीरिक कमजोरी, बीमारी, या पोषण की कमी है, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग उनके लिए सही नहीं हो सकता है।
  3. मधुमेह के मरीज
    अगर आपको मधुमेह है और आप इंसुलिन या दवाइयां ले रहे हैं, तो उपवासी रहने से रक्त शर्करा का स्तर असंतुलित हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।
  4. पेट से जुड़ी समस्याएं
    अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, एसिडिटी, या अल्सर की समस्या है, तो इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से ये समस्याएं बढ़ सकती हैं।
    इंटरमिटेंट फास्टिंग कैसे करें?

इंटरमिटेंट फास्टिंग शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखें:

  1. धीरे-धीरे शुरू करें
    शुरुआत में धीरे-धीरे उपवासी समय बढ़ाएं। शुरुआत में 12 घंटे का उपवासी करें और फिर इसे 16 घंटे तक बढ़ाएं।
  2. हाइड्रेटेड रहें
    उपवासी के दौरान पानी, हर्बल चाय या ब्लैक कॉफी का सेवन करें ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे और भूख कम लगे।
  3. संतुलित आहार लें
    भोजन के समय संतुलित आहार का सेवन करें जिसमें प्रोटीन, फाइबर, और हेल्दी फैट्स शामिल हों।
  4. शारीरिक गतिविधि में वृद्धि करें
    फास्टिंग के दौरान हल्के व्यायाम जैसे योग, वॉक या स्ट्रेचिंग करें, ताकि शरीर की ऊर्जा का सही उपयोग हो।

इंटरमिटेंट फास्टिंग एक शक्तिशाली और प्रभावी तरीका है जिससे वजन घटाने के साथ-साथ स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त किए जा सकते हैं। हालांकि, इसे अपनाने से पहले आपको अपनी शारीरिक स्थिति और डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। अगर आप सही तरीके से इस विधि का पालन करते हैं, तो यह आपको स्वस्थ और फिट रहने में मदद करेगा। 
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