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सुबह की सैर स्वस्थ जीवनशैली का अहम हिस्सा, आयुर्वेद बताता है फायदे

आयुर्वेद के अनुसार सुबह की सैर न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी अत्यंत लाभदायक होती है। सुबह की ताजी हवा फेफड़ों को शुद्ध करती है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाती है।

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YBN News
MORNINGWALK

MORNINGWALK Photograph: (IANS)

नई दिल्ली। आयुर्वेद के अनुसार सुबह की सैर न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी अत्यंत लाभदायक होती है। सुबह की ताजी हवा फेफड़ों को शुद्ध करती है और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ाती है। नियमित सैर से रक्त संचार बेहतर होता है, पाचन क्रिया मजबूत बनती है और मानसिक तनाव कम होता है। यह शरीर के दोषों को संतुलित कर रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती है। आयुर्वेद में कहा गया है कि सूर्योदय से पहले टहलना जीवन ऊर्जा को सक्रिय करता है। रोजाना की सुबह की सैर लंबी आयु और स्वस्थ जीवन का सबसे सरल उपाय है।

स्वस्थ जीवनशैली का अहम हिस्सा

आयुर्वेद के अनुसार सुबह की सैर सिर्फ एक व्यायाम नहीं, बल्कि स्वस्थ जीवनशैली का अहम हिस्सा है, जो शरीर, मन और आत्मा तीनों को संतुलित करता है। चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदयम जैसे आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी कहा गया है कि व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य के लिए रोजाना सुबह वॉक पर जाना चाहिए। सुबह (ब्रह्म मुहूर्त) का समय सबसे ऊर्जावान माना जाता है। इस समय हवा में प्राणवायु की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। जब हम इस समय टहलते हैं तो शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे हमारी रोग-प्रतिरोधक शक्ति मजबूत होती है और मन भी तरोताजा महसूस करता है। इसी वजह से आयुर्वेद में कहा गया है कि जो व्यक्ति प्रतिदिन प्रातः भ्रमण करता है, वह दीर्घायु और निरोगी रहता है।

सुबह की सैर

सुबह की सैर हृदय और रक्तसंचार के लिए वरदान मानी गई है। यह रक्त प्रवाह को संतुलित रखती है, हृदय को मजबूत बनाती है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करती है। इसके साथ ही यह शरीर के स्रोतस (चैनल) को साफ रखती है, जिससे शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलते हैं। मानसिक रूप से भी इसका गहरा असर होता है। सुबह का सात्विक वातावरण मन को शांत करता है, तनाव-चिंता को घटाता है और सत्व गुण (शुद्धता व सकारात्मकता) को बढ़ाता है।

शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह

आयुर्वेद में कहा गया है कि 'प्रातः भ्रमणं दीपनम्,' यानी सुबह की सैर भूख बढ़ाने और पाचन क्रिया को सुधारने वाली औषधि है। यह जठराग्नि को संतुलित करती है और कब्ज, गैस जैसी समस्याओं को दूर रखती है। साथ ही, यह तीनों दोषों वात, पित्त और कफ को संतुलित करती है। हल्की सैर से वात नियंत्रित रहता है। सुबह की ठंडी हवा पित्त को शांत करती है और कफ को शरीर से बाहर निकालती है। इसलिए ठंड या सुस्ती से ग्रस्त लोगों के लिए यह एक प्राकृतिक उपचार है।

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एक प्राकृतिक उपचार

सुबह की सैर से हार्मोनल संतुलन भी बेहतर होता है। स्वाभाविक श्वसन-प्रश्वसन से नाड़ियां शुद्ध होती हैं, जिससे थायरॉइड, इंसुलिन और अन्य हार्मोन सही मात्रा में स्रावित होते हैं। इससे शरीर की ऊर्जा और मानसिक स्थिरता बनी रहती है। यही नहीं, सैर के दौरान त्वचा को शुद्ध ऑक्सीजन और हल्की धूप मिलने से चेहरा दमकने लगता है और बाल भी स्वस्थ रहते हैं।

(इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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