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Orange Photograph: (ians)
नई दिल्ली।संतरा विटामिन सी एंटीऑक्सीडेंट्स और फाइबर से भरपूर फल है, जो स्वाद के साथ सेहत और सौंदर्य दोनों के लिए फायदेमंद है। नियमित रूप से संतरा खाने से त्वचा में निखार आता है, इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। यह पाचन को बेहतर बनाता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। आयुर्वेद के अनुसार, सुबह खाली पेट संतरा खाने से बचना चाहिए। इसे नाश्ते के बाद या दिन में खाना अधिक लाभकारी होता है। संतरे का रस या फल दोनों ही शरीर को डिटॉक्स कर ताजगी बनाए रखते हैं।
संतरा सिर्फ स्वाद
संतरा सिर्फ स्वाद में मजेदार नहीं, बल्कि इसमें सेहत और सौंदर्य का खजाना छिपा हुआ है। यह फल विटामिन-सी, फाइबर और मिनरल्स से भरपूर होता है, जो शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है। आयुर्वेद में इसे नारंगी फल कहा गया है, जो पित्त और कफ दोष को संतुलित रखता है। इसका रस शरीर को ठंडक देता है, मन को ताजगी और चेहरे को निखार देता है।
रोज एक संतरा खाया जाए
अगर रोज एक संतरा खाया जाए, तो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर की इम्यून कोशिकाओं को मजबूत करता है, जिससे सर्दी-जुकाम, संक्रमण और थकान जैसी दिक्कतें दूर रहती हैं। यह शरीर को डिटॉक्स भी करता है। सुबह खाली पेट एक गिलास संतरे का रस पीने से लिवर और किडनी साफ होती हैं और शरीर से टॉक्सिन बाहर निकलते हैं।
समस्याओं से राहत
संतरा दिल की रक्षा भी करता है। इसमें पोटैशियम और फाइबर होता है, जो ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है। यही नहीं, यह पाचन को बेहतर बनाता है। संतरे का रेशा (फाइबर) पेट को साफ रखता है, भूख संतुलित करता है और गैस, कब्ज जैसी समस्याओं से राहत देता है।
इसका सेवन न करें
अगर त्वचा और खूबसूरती की बात करें तो संतरे का कोई जवाब नहीं। इसका रस और छिलका दोनों ही एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर हैं। छिलके का पाउडर फेस पैक के रूप में लगाने से चेहरा चमकता है और मुंहासे घटते हैं। संतरा रक्त को शुद्ध करता है, जिससे त्वचा स्वाभाविक रूप से निखरती है। संतरा खाने का सही समय सुबह या दोपहर माना जाता है। इस दौरान ताजा संतरा या उसका जूस पी सकते हैं। हालांकि, दूध या दही के साथ संतरा न लें और ठंड के मौसम में रात में इसका सेवन न करें।
संतरे में विटामिन-ए भी होता
संतरे में विटामिन-ए भी होता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाता है। साथ ही इसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम होते हैं, जो हड्डियों और जोड़ों को मजबूत करते हैं और दर्द या अकड़न से राहत देते हैं। संतरे की खुशबू भी अपने आप में एक प्राकृतिक थेरेपी है। यह तनाव, चिंता और थकान को कम करती है। आयुर्वेद में इसे मनः प्रसादक फल कहा गया है, यानी ऐसा फल जो मन को प्रसन्न रखता है। इसके अलावा, संतरे में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड्स और लिमोनॉइड्स शरीर को कैंसर और संक्रमण से बचाते हैं।
(इनपुट-आईएएनएस)
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