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Pavanmuktasana Photograph: (inas)
नई दिल्ली। अगर आपका पेट रोजाना साफ नहीं होता और कब्ज की समस्या बार-बार परेशान करती है, तो योग का पवनमुक्तासन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। यह आसन पेट और पाचन तंत्र को सक्रिय करता है, गैस, अपच और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करने में मदद करता है। सुबह खाली पेट इसे नियमित रूप से करने से पेट साफ रहता है और शरीर हल्का महसूस होता है। विशेषज्ञों के अनुसार, पवनमुक्तासन करते समय गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें, इससे शरीर में ऑक्सीजन का संचार बढ़ता है और पाचन क्रिया बेहतर होती है।
पवनमुक्तासन
Pavanmuktasana removes constipation & gives relief from flatulence,decreases the bloating sensation in the abdomen & aids digestion #IDY2017pic.twitter.com/XvuhLq45M1
— Ministry of Ayush (@moayush) June 15, 2017
कहते हैं कि पेट के साफ रहने से ज्यादातर बीमारियां दूर रहती हैं, लेकिन असंतुलित आहार की वजह से पेट संबंधी समस्याएं आम सी बात बन गई हैं, हालांकि ऐसे कई योगासन हैं जिनके अभ्यास से इन समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। पवनमुक्तासन के अभ्यास से कई लाभ मिलते हैं। इससे कब्ज दूर होती है, आंतें साफ रहती हैं। वात, एसिडिटी और अपच में आराम मिलता है, पेट की चर्बी कम होती है, रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है और तनाव कम होता है। महिलाओं के लिए भी यह आसन और लाभदायी है। अनियमित पीरियड्स की समस्या से भी यह निजात दिलाता है। लीवर और किडनी भी स्वस्थ रहते हैं।
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय
भारत सरकार का आयुष मंत्रालय योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने पर जोर देता है। मंत्रालय के अनुसार, 'पवनमुक्तासन' एक सरल लेकिन प्रभावी आसन है जो पेट की कई समस्याओं से निजात दिला सकता है। 'पवन' का अर्थ वायु और 'मुक्त' का अर्थ छोड़ना या मुक्त करना है। नाम से ही पता चलता है कि यह आसन पेट और आंतों से फंसी हुई वात को बाहर निकालने में मदद करता है।
अनियमित खानपान
पवनमुक्तासन कब्ज को जड़ से खत्म करता है, वात दोष से राहत देता है और पेट की सूजन या फैलाव को कम करता है। नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया मजबूत होती है। इससे भोजन अच्छी तरह पचता है और शरीर में ऊर्जा बढ़ती है। यह आसन खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो बैठे-बैठे काम करते हैं या अनियमित खानपान से परेशान हैं।
करने की सरल विधि
एक्सपर्ट पवनमुक्तासन करने की विधि सरल है। इसके लिए पीठ के बल जमीन पर लेट जाएं। दोनों पैर सीधे रखें, हाथ शरीर के साथ। गहरी सांस भरें और दाहिना घुटना मोड़कर छाती से सटाएं। इसके बाद दोनों हाथों से घुटने को गले से लगाएं। सांस छोड़ते हुए सिर उठाकर नाक को घुटने से स्पर्श करें। इसके बाद 10-20 सेकंड तक रुकें और सामान्य सांस लें। इसके बाद दाहिना पैर सीधा करें और बायां घुटना दोहराएं। अंत में दोनों घुटने मोड़कर छाती से लगाएं, सिर उठाकर नाक को घुटनों से स्पर्श करें और 30 सेकंड रुकें। इसे सुबह के समय खाली पेट करना सबसे अच्छा है। विशेषज्ञों का मानना है कि रोज 5-10 मिनट यह आसन करने से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"
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