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चैन की नींद: आयुर्वेद के अनुसार त्वचा और स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी

आयुर्वेद में ‘ब्यूटी स्लीप’ को शरीर औरमन की प्राकृतिक चिकित्सा माना गया है। पर्याप्त नींद लेने से शरीर की कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं और त्वचा में निखार आता है। रात में अच्छी नींद हार्मोन संतुलन बनाए रखती है, जिससे झुर्रियां और मुंहासे कम होते हैं।

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YBN News
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sleep Photograph: (ians)

नई दिल्ली। आयुर्वेद में ‘ब्यूटी स्लीप’ को शरीर औरमन की प्राकृतिक चिकित्सा माना गया है। पर्याप्त नींद लेने से शरीर की कोशिकाएं पुनर्जीवित होती हैं और त्वचा में निखार आता है। रात में अच्छी नींद हार्मोन संतुलन बनाए रखती है, जिससे झुर्रियां और मुंहासे कम होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, समय पर सोना पित्त और वात दोष को संतुलित करता है, जिससे त्वचा की चमक बनी रहती है। नींद की कमी से चेहरा मुरझा जाता है और आंखों के नीचे काले घेरे बन जाते हैं। इसलिए हर दिन 7-8 घंटे की गहरी नींद लेना सुंदरता और स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है।

‘ब्यूटी स्लीप’

आयुर्वेद में कहा गया है कि 'निद्रा बलं, पुष्टिं, ज्ञानं, सुखं च ददाति।' यानी अच्छी नींद शरीर को ताकत, पोषण, ज्ञान और आनंद देती है। आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग दिनभर मेहनत तो खूब करते हैं, लेकिन रात को चैन की नींद लेना भूल जाते हैं। देर रात तक मोबाइल चलाना, काम का तनाव और अनियमित दिनचर्या ये सब नींद चुरा लेते हैं। नतीजा ये होता है कि सुबह चेहरा थका हुआ दिखता है, आंखों के नीचे काले घेरे, झुर्रियां और बेजान त्वचा दिखने लगती है। 

शरीर खुद की मरम्मत करता

मालूम हो कि जब हम रात में सोते हैं, तब हमारा शरीर खुद की मरम्मत करता है। नई त्वचा की कोशिकाएं बनती हैं, कोलेजन तैयार होता है और पुरानी कोशिकाएं हट जाती हैं। यही वजह है कि अच्छी नींद को ब्यूटी स्लीप भी कहा जाता है। अगर नींद पूरी न हो, तो यही प्रक्रिया रुक जाती है और चेहरे पर झुर्रियां, सुस्ती और एजिंग जल्दी दिखने लगती है।

नींद के कई फायदे

नींद के कई फायदे हैं। सबसे पहले, यह कोलेजन का उत्पादन बढ़ाती है, जिससे त्वचा टाइट और झुर्रियों से मुक्त रहती है। नींद से त्वचा में नमी बनी रहती है, जबकि नींद की कमी से चेहरा ड्राई दिखने लगता है। सोते समय ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है, जिससे त्वचा तक ऑक्सीजन और पोषक तत्व पहुंचते हैं और चेहरा सुबह ताजा दिखता है। अच्छी नींद तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को कम करती है, जिससे त्वचा की लोच बनी रहती है।

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नींद की मात्रा और गुणवत्ता

आयुर्वेद के अनुसार, रात 10 बजे से पहले सो जाना चाहिए क्योंकि उस समय कफ काल होता है, जो नींद लाने में मदद करता है। सोने से पहले गुनगुना दूध या त्रिफला लेने से मन शांत होता है। कमरे में हल्की रोशनी, शांत माहौल और संतुलित तापमान भी नींद को बेहतर बनाते हैं। वयस्कों को रोज कम से कम 7-8 घंटे, किशोरों को 8-10 घंटे और बच्चों को 10-12 घंटे की नींद जरूरी है। लेकिन, सिर्फ नींद की मात्रा नहीं, उसकी गुणवत्ता भी मायने रखती है। 

घरेलू नुस्खे

हालांकि कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे भी बहुत असरदार हैं, जैसे रात को गर्म दूध में हल्दी या जायफल पाउडर मिलाकर पीना, पैरों पर सरसों का तेल लगाना, और सोने से पहले ध्यान या गहरी सांसें लेना। मोबाइल और कैफीन से दूर रहना भी उतना ही जरूरी है।

 (इनपुट-आईएएनएस)

Disclaimer: इस लेख में प्रदान की गई जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इसे किसी भी रूप में व्यावसायिक चिकित्सकीय परामर्श के विकल्प के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। कोई भी नई स्वास्थ्य-संबंधी गतिविधि, व्यायाम, शुरू करने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरूर लें।"

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